Dec 5, 2019
संतोष राजपुत - गंभीर ह्रदय रोग से पीड़ित 2 वर्ष के बच्चे की आवाज स्वराज एक्सप्रेस द्वारा उठाने के बाद शाजापुर के प्रशासन ने उसे डेढ़ लाख रुपए की मदद स्वीकृत की थी, लेकिन दस दिन देरी से मिले इलाज की वजह से आज 2 साल के मासूम भगवान ने दम तोड़ दिया। इस मामले में शुजालपुर विधायक इंदर सिंह परमार ने दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है।
10 दिन तक भटकने के बाद भी परिजनों को मदद नहीं मिली
शुजालपुर के ग्राम मेहरखेड़ी निवासी 2 वर्ष 3 माह के बालक भगवान के दिल में सुराख था और परिजनों ने उसका उपचार सहायता प्रकरण 3 नवंबर को शाजापुर जिला मुख्यालय पर सीएमएचओ दफ्तर में जमा कराया था। 10 दिन तक भटकने के बाद भी जब उन्हें मदद नहीं मिली थी तो स्वराज एक्सप्रेस ने इस पीड़ित बच्चे व परिवार की खबर प्रमुखता से दिखाई थी। जिसके बाद जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ 7 नवंबर की तारीख में पुरानी डेट डालकर स्वीकृति जारी कर बच्चे को 16 नवंबर को उपचार के लिए इंदौर में भर्ती कराया था। दो बार सर्जरी होने के बाद भी आखिरकार यह बच्चा जिंदगी की जंग हार गया। परिजनों ने देर से मिली मदद की वजह से उपचार देरी से शुरू होने के कारण बच्चे की मौत होने के आरोप लगाये हैं। वहीं शुजालपुर के विधायक इंदर सिंह परमार ने भी इस मामले में दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है।
शुजालपुर विधायक ने भी बाल दिवस पर इस बच्चे के उपचार सहायता को लेकर उठाई थी आवाज
आपको बता दे शुजालपुर विधायक इंदर सिंह परमार ने भी बाल दिवस पर इस बच्चे के उपचार सहायता के प्रकरण को लेकर आवाज उठाई थी। बहरहाल तस्वीरों में दिख रही 2 साल के बच्चे भगवान के अर्थी को अग्नि देते समय परिवार के आंसू नहीं थम रहे थे। आपको बता दें मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत छोटे बच्चों के लिए गंभीर बीमारी में उपचार सहायता देने का प्रावधान है, लेकिन इस बच्चे के प्रकरण को 10 दिन तक जिला मुख्यालय पर अकाई रखने के कारण समय पर उपचार नहीं मिल सका। बहरहाल अब देखना है दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है?