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अज्ञात कारणों के चलते तीन मोर की मौत, 20 दिन में एक दर्जन से अधिक मोर बेहोश

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Jun 22, 2018

रतलाम से सटे ग्राम कनेरी में राष्ट्रीय पक्षी मोर की जिंदगी संकट में पड़ रही है। कनेरी में पिछले करीब 20-25 दिनों से मोर अज्ञात बीमारी का शिकार बनते जा रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा मोरों की जिंदगी बचाने के लिए तमाम जतन करने के बाद भी अब तक करीब 3 तीन मोर उनके सामने मंदिर परिसर में ही मर चुके हैं, जबकि 2 अब भी गंभीर बीमार हैं इसके अलावा कई पक्षी पहले भी बीमार हुए, और कई अब भी बीमार हैं। 

राष्ट्रीय पक्षी की अज्ञात बीमारी को लेकर ग्रामीण परेशान
राष्ट्रीय पक्षी की अज्ञात बीमारी को लेकर ग्रामीण परेशान हैं, लेकिन न तो वन विभाग न ही सरकारी अमला इसे लेकर गंभीर दिख रहा है। ग्रामीणों के अनुसार कनेरी के चारों और सैकड़ों की संख्या में मोर रहते हैं, जिनके खाने, पीने के लिए गांव के अं​बिका मंदिर और यज्ञशाला में जालियां लगाकर प्रबंध किया गया है। करीब 25 दिन पहले यहां अचानक मंदिर परिसर में अचानक 3-4 मोर चक्कर खाकर गिरे। बीमार मोर न ठीक से सांस ले पाते हैं न चल पाते, न उड़ पाते है। चक्कर आने से घूमते हैं, और बार बार गरदन एक ओर लटक जाती है। 

ग्रामीणों ने डायल 100 ​को दी सूचना
बीमार हुए मोर की सूचना ग्रामीणों ने डायल 100 और वन विभाग को दी थी। जिसके बाद रतलाम पशु चिकित्सालय अपने वाहन से लेकर आए थे। यहां चिकित्सक ने इलाज के बाद मोर को वापस भेज दिया था। ग्रामीण मुकेश पाटीदार ने बताया कि मोर को वापस लाने के बाद भी कूलर में रखा गया, लेकिन एक मोर की अगले ही दिन सुबह मौत हो गई थी। इसके बाद 2 और मोर इसी तरह बीमार हो गए मर गए जिनके शव बाद में ग्रामीणों ने जंगल के रास्ते पर देखे। कई और मोर जंगल में मरे होने की संभावना है। इस संदर्भ में जब वन विभाग के आलाधिकारियों तथा उनसे कनिष्ठ अधिकारियों से वर्जन लेना चाहा तो कोई भी ऑफिस में उपस्थित नहीं था ना ही किसी ने फोन उठाने की जहमत उठाई।