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डिंडोरीः क्रेसरो ओर पुल बनाने में बिना अनुमति की जा रही है ब्लास्टिंग

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Feb 23, 2019

शिवराम बर्मन- इस समय डिंडोरी जिले के कई गांव विस्फोटकों की आवाज़ से दहल रहा है। यूं तो डिंडोरी जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्र घोषित है। जिसकी वजह से जिले के अंदर किसी भी प्रकार के विस्फोटक की अनुमति नहीं होती, किंतु देखा जा रहा है कि डिंडोरी जिले की सीमा में लगे हुए अनेकों क्रेसर संचालकों एवं निर्माण कार्य में लगी हुई कंपनियों के नुमाइंदों के द्वारा लगातार विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है।

नक्सल प्रभावित जिले होने के बाद कहां से आता है विस्फोटक सामग्री

नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण विशेष अनुमति पर ही शासन और प्रशासन के निगरानी में बहुत ही आवश्यक होने पर विस्फोटकों का प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन इसके बावजूद देखा जा रहा है कि निर्माण एजेंसियों और क्रेसर संचालकों द्वारा विगत काफी लंबे समय से शासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से विस्फोटकों का प्रयोग कर बड़ी-बड़ी चट्टानें और पहाड़ों को खोदने का कार्य अनवरत जारी है। फिलहाल मामला डिण्डोरी  जिले के  बेदारा गांव तक 2 किलोमीटर की प्रधानमंत्री सड़क योजना का कार्य ठेकेदार एस अमोलक कंपनी होशंगाबाद पिपरिया द्वारा 73 लाख का किया जा रहा है। रास्ते में पुल बनाने के लिए अवैध विस्फोटक सामग्री का प्रयोग बड़ी बड़ी पत्थरों की चट्टानों में बम लगा कर फोड़ा जा रहा है। वहीं गांव के लोग नित्य दिन होने वाले बम विस्फोट से घबरा गए हैं। ग्रामवासियों का कहना कि बगैर अनुमति से बम विस्फोट किया जा रहा है। इस राह से ग्रामीणों का आना जाना लगा रहता है।

कार्यवाही न होने से ठेकेदारों के हौसले बुलंद

ग्रामीणों का कहना है कि दहशत में जीने को वे हो रहे हैं मजबूर। चट्टानों में सुरंग कर इनमें विस्फोटक सामग्री डालकर विस्फोट किया जाता है। जिले में अधिकतर शासकीय कार्य हो रहे हैं जिनमें रोड़ बनाने वाले ठेकेदार बड़ी चट्टानों को बम से उड़ा रहे हैं। सरकारी अधिकारी को सब मालूम होता है लेकिन कार्यवाही नहीं की जाती। जहां एक ओर ग्रामीण बमों के धमाके से दहशत में हैं, वहीं ठेकेदार दिलेरी से अवैध विस्फोट सामग्री से बड़ी बड़ी चट्टानों को धाराशायी करके अपना कार्य कर रहे हैं। भाजपा के जिला महामन्त्री जय सिंह मरावी का कहना है कि ठेकेदार के ऊपर तो कार्यवाही होना ही चाहिए।