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बेटियों की गरिमा मलिन करने वालों को होगी फाँसी की सजा : सीएम

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Mar 8, 2018

मुख्यमंत्री ने कहा है कि बेटियों की गरिमा को मलिन करने वालों को फाँसी की सजा होगी। इसके लिये कानून बनाकर राष्ट्रपति को अनुमोदन के लिये भेजा गया है। उन्होंने कहा कि समाज को भी बेटियों की सुरक्षा के लिये खड़े होना होगा। मानसिकता बदलनी होगी। बेटों में भी संस्कार देने की पहल करना होगी कि वे बहनों और बेटियों का सम्मान करें।

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये मुख्यमंत्री महिला कोष की स्थापना की जायेगी। कोष का उपयोग महिला सशक्तिकरण गतिविधियों में किया जायेगा। उन्होंने उच्च न्यायालय एवं जिला न्यायालयों में शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति में महिला अधिवक्ताओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की। बता दें सीएम आज यहाँ अतंर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पचास वर्ष से अधिक आयु की विधवा अथवा परित्यक्ता महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जायेगी। बड़े शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए कामकाजी महिला वसतिगृहों का संचालन निजी भवनों को किराये पर लेकर किया जायेगा। इसमें महिलाओं के सुरक्षा एवं सुविधाओं के पर्याप्त उपाय किए जायेंगे।

प्रदेश की आँगनवाड़ियों में वितरित होने वाले टेक होम राशन के निर्माण और प्रदाय का कार्य महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन के जरिये किया जायेगा। शासकीय विद्यालयों में वितरित की जाने वाली यूनिफार्म को सिलने का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को दिया जायेगा। योग्य महिला स्व-सहायता समूहों के फेडरेशन्स को ऋण की गारंटी सरकार द्वारा दी जाएगी। श्रमिक महिलाओं को गर्भावस्था में पालन-पोषण के लिये छह महीने से लेकर प्रसव तक चार हजार रूपये दिये जायेंगे। प्रसव के बाद 12 हजार रूपये दिये जायेंगे।

समाज और विश्व को आगे बढ़ाने के लिये मातृ शक्ति को आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर देने होंगे। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे आगे बढ़ें और मध्यप्रदेश को भी आगे बढ़ायें। हर दिन बेटी का होना चाहिये। सिर्फ एक दिन सम्मान और श्रद्धा का कार्यक्रम करने की रस्म निभाने से आगे बढ़कर काम करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया। इसमें लाड़ो सम्मान, लिंगानुपात सुधार पुरस्कार, तेजस्विनी पुरस्कार, सशक्त वाहिनी पुरस्कार और 60 वर्ष से अधिक आयु की उन महिलाओं को सम्मानित किया गया, जो अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में अथक कार्य कर रही हैं।