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अनुपपुरः आँक्सीजन खत्म होने से फिर एक मासूम की मौत, जिला चिकित्सालय की लापरवाही

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Aug 20, 2019

महेश कुमार- जिला चिकित्सालय अनूपपुर में सोमवार को दोपहर 2 बजे शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती जमुना कालरी के पाथरखेड़ा दफाई के 2 वर्षीय मासूम रामकृपाल केवट की समय पर दुबारा ऑक्सीजन न मिलने से मौत हो गई। मासूम को सुबह 11 बजे जिला चिकित्सालय की शिशु गहन चिकित्सा इकाई में पिता कल्लू केवट के द्वारा भर्ती किया गया था। भर्ती के बाद ऑन ड्यूटी चिकित्सक बृजेश पटेल ने दवाईयां लिखीं व बॉटल चढ़ाने के साथ ही ऑक्सीजन लगाया, लेकिन कुछ ही देर बाद पाईप लाईन के माध्यम से जाने वाले ऑक्सीजन ने जब बुलबुले देना बंद कर दिया तो पिता ने मौजूद नर्स से बताया। नर्स ने झल्लाते हुए कहा कि ऑक्सीजन की व्यवस्था करते हैं। जब तक ऑक्सीजन वाले सिलेण्डर को बच्चा वार्ड तक लाया जाता, तब तक जिस मशीनरी से बच्चे को ऑक्सीजन दिया जा रहा था, उससे सही ऑक्सीजन न मिलने के कारण मासूम ने दम तोड़ दिया।

मृत मासूम को कलेक्ट्रेट कार्यालय लेकर पहुंचा पिता

मासूम की मौत से व्यथित पिता पुत्र का शव कांधे पर रख जिला चिकित्सालय के बाहर पैदल लेकर निकला। कुछ दूर पैदल चलने के बाद वह ऑटो से पुत्र के शव को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा। कलेक्ट्रेट कार्यालय में समय-सीमा की बैठक ले रहे कलेक्टर ने अपर कलेक्टर व्ही.डी. सिंह व एसडीएम अमन वर्मा को तत्काल मामले के संबंध में बात करने को कहा। एसडीएम व अपर कलेक्टर ने दुखी पिता कल्लू केवट के बयान लिए, जिसमें उसने स्पष्ट कहा कि ऑक्सीजन खत्म होने के बाद आधे घण्टे तक ऑक्सीजन देने की व्यवस्था मौजूद नर्सों द्वारा लापरवाही करते रहे। मेरे पुत्र को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाने के कारण उसकी मौत हो गई। दुखी पिता ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि चिकित्सालय में व्याप्त लापरवाही को दूर करें ताकि आगे किसी और मासूम की इस प्रकार मौत न हो।

जांच व आश्वासन तक सीमित रही लापरवाही पर कार्यवाही

उधर सिविल सर्जन पल्ला झाड़ते हुए इस मामले में अपने आप को और पदस्थ चिकित्सकों को पाक साफ बताते रहे। उनके द्वारा कहा गया कि पाईप लाईन से जैसे ही ऑक्सीजन खत्म हुई उसे वैक्यूम के माध्यम से ऑक्सीजन दी जाती रही। मासूम कमजोर था, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। ऑक्सीजन सिलेण्डर लाने में हुई देरी के संबंध में सिविल सर्जन डॉ. एस.आर. परस्ते ने कहा कि सिलेण्डर वहीं मौजूद था, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि सिलेण्डर अस्पताल के नीचे से लाने में वक्त लगा। इस पूरे मामले में अपर कलेक्टर व एसडीएम ने दुखी पिता कल्लू केवट को जांच के उपरांत लापरवाही पर कार्यवाही का आश्वासन देने के उपरांत रेडक्रास सोसायटी से उसे ग्यारह हजार रूपये का चेक देकर एंबुलेंस के माध्यम से घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की।

जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की लापरवाही के कई ऐसे गंभीर मामले सामने पहले भी आते रहें हैं, लेकिन अब तक कोई कार्यवाहियां नहीं की गई। इस मामले में शिशु गहन चिकित्सा इकाई में पूरे समय एक चिकित्सक की ड्यूटी रहती है। जिस समय डॉक्टर बृजेश पटेल की ड्यूटी थी, वह बच्चे को भर्ती करने व दवाईया लिखने के बाद भोपाल मीटिंग के लिए चले गए। जब तक दूसरे चिकित्सक को वहां बुलाया जाता व खुद सिविल सर्जन एस.आर. परस्ते वहां पहुंचते, तब तक ऑक्सीजन समय से न मिलने के कारण भर्ती रहे 2 साल का मासूम रामकृपाल केवट की मौत हो गई।