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नरसिंहगढ़ः भाव को लेकर फिर नाराज हुए किसान, हंगामे के चलते व्यापारियों ने भी बंद की खरीदी

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Nov 22, 2019

सुरेश नागर - शासकीय कृषि उपज मंडी में सोयाबीन फसल की खरीदी विक्री के दौरान आए दिन हंगामा हो रहा है। कुछ दिनों पहले ही मंडी में देर शाम खरीदी बंद किए जाने को लेकर किसान हंगामा कर चुके हैं। वहीं शुक्रवार को नीलामी के दौरान भाव को लेकर किसानों और व्यापारियों के बीच मतभेद हो गए। दरअसल मंडी में एक किसान की सोयाबीन 33 सौ रुपए में खरीदी गई थी लेकिन उस किसान द्वारा नीलामी रद्द करवा कर जब दोबारा नीलामी करवाई गई तो वहीं सोयाबीन 35 सौ रुपए में बिकी। जिसको लेकर किसान ने व्यापारियों पर मोनोपोली का आरोप लगाते हुए मंडी में हंगामा शुरू कर दिया। किसानों को आक्रोशित देख व्यापारी भी खरीदी बंद कर चले गए। जिसे देख कर किसान और भड़क गए। हालांकि मंडी प्रबंधन ने तत्काल मामले की गंभीरता को देखते हुए सामंजस्य स्थापित किया और मंडी में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में खरीदी प्रारंभ करवाई गई। फिलहाल किसानों ने मंडी व्यापारियों द्वारा मोनोपोली कर किसानों की फसलों को कम भाव में खरीदने का आरोप लगाया है। वहीं व्यापारियों ने नियमानुसार खरीदी की बात कहते हुए सुरक्षा की मांग की है।

भुगतान काउंटर नहीं होने से भी नाराज किसान

उल्लेखनीय है कि मंडी में व्यापारियों का भुगतान काउंटर भी नहीं बनाया गया है। ऐसे में किसानों को फसल बेचने के बाद सीधे मंडी परिसर में ही भुगतान नहीं किया जाता है। किसानों को भुगतान के लिए पर्ची लेकर शहर में स्थित व्यापारियों के फर्मों पर पहुंचना पड़ता है। बड़ी बात यह है कि इन पर्ची पर व्यापारियों की फर्म का पता भी अंकित नहीं होता है, जिससे व्यापारियों को फार्म ढूंढने परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस मामले को लेकर मंडी प्रबंधन का दावा है कि वह भुगतान काउंटर निर्माण के लिए प्रस्ताव भेज चुके हैं। स्वीकृति मिलते ही किसानों की सुविधाओं के लिए व्यवस्था को सुचारू किया जाएगा।

शौचालय की साफ सफाई नहीं

मंडी में कहने को तो सुलभ कॉन्प्लेक्स बनाया गया है लेकिन इन शौचालयों की नियमित साफ-सफाई नहीं होने के चलते इनमें गंदगी और बदबू फैली रहती है। जिस कारण मंडी में आने वाले किसान और आम नागरिक खुले में ही शौच करने को मजबूर रहते हैं। इसकी वजह से जगह-जगह गंदगी भी देखने को मिलती है। ज्ञात रहे कि वर्तमान में शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चल रहा है। ऐसे में मंडी प्रबंधन को भी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए मंडी में स्वच्छता व्यवस्था को सुचारू करना चाहिए।