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बालाघाटः लंबित भुगतान को लेकर किसानों ने निकाली बैलगाड़ी रैली, किया धरना प्रदर्शन

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Dec 4, 2019

राज बिसेन - विगत वर्ष धानोपार्जन के दौरान समर्थन मूल्य पर बेची गई धान का शेष रूपया साल बीतने के बाद भी नहीं मिला। जिसके चलते शासन प्रशासन के प्रति किसानों का आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। अपना आक्रोश प्रकट करते हुए किसानों के द्वारा भारी संख्या में मुख्यालय परसवाड़ा में धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान जहां हजारों की संख्या में किसानों की उपस्थिति रही, वहीं सैकड़ों बैलगाड़ियों की रैली से यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप्प रही। जिससे घंटो जाम की स्थिति बनी रही। इस दौरान कालेज मैदान लिंगा से विशाल बैलगाड़ी रैली निकाली गई, जो तहसील मुख्यालय परसवाड़ा तक पंहुची। जहाँ गुस्साये किसानों ने रास्ते में जय जवान जय किसान एवं लूट की दुकान बंद करो..के नारे लगाये। वहीं विशाल रैली के कारण यातयात प्रभावित हुआ। वहीं अपनी उपज की शेष रकम पाने के लिये साल भर से परसवाड़ा क्षेत्र के किसान परेशान हैं। जबकि उनके द्वारा समय-समय पर शासन प्रशासन को कई बार आवेदन व निवेदन के साथ ज्ञापन भी सौंपा गया। इसके बावजूद शासन प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाये जाने पर आखिरकार किसान आक्रोशित हो उठे।

शीघ्र भुगतान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

किसानों ने विशाल बैलगाड़ी रैली निकालकर अपना आक्रोश प्रकट करते हुए शासन प्रशासन को चेताया कि शीघ्र ही उनका लंबित भुगतान नहीं किया गया तो जल्द ही किसानों के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। इस दौरान प्रशानिक अमले पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि प्रशासन ने संबंधित खरीदी एजेंसियों के साथ मिलकर किसानों को ठगने का काम किया है। समर्थन मूल्य के नाम पर धान खरीदा गया, किन्तु राशि मात्र 1400 रू प्रति कि्ंवटल दी गई और शेष राशि 350 के लिए आज भी किसान भटक रहा है। सभा के आयोजन के उपरांत किसानों ने उपस्थित एसडीएम गुरूप्रसाद को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपते हुए कहा कि शीघ्र ही उनकी समस्या का निराकरण किया जाए। वहीं जल्द ही भुगतान नहीं किए जाने पर किसानों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

किसान रैली के आयोजन पर नजर आए कई दल के नेता

मुख्यालय परसवाड़ा में किसानों का इतना बड़ा आंदोलन पहली बार देखने में नजर आया, जिससे निश्चित ही कहा जा सकता है कि वाकई यहां पर किसान शासन प्रशासन के प्रति काफी नाराज है, और आज सड़क पर उतरकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की, वहीं किसानों ने अपनी एकता का परिचय भी दिया है। इसी बीच एक ऐसा नजारा भी देखने में आया जहां पर कई दलों के नेता इस धरना प्रदर्शन में किसानों के साथ एक मंच पर नजर आए, हालांकि यह अच्छी बात है कि देर से ही सही सभी ने किसानों के दर्द को महसूश करते हुए एक मंच से उनका समर्थन किया है। बहरहाल अन्नदाता कहे जाने वाले किसान की यहां स्थिति ऐसी बनी हुई है कि आज वह अपनी ही मेहनत का वाजिब दाम पाने के लिए सड़कों पर उतरकर धरना पदर्शन करने को मजबूर है, देखना यह है कि उनके खून पसीने की मेहनत का दाम आखिरकार सरकार कब तलक दे पाती है।