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उज्जैनः हरि हर मिलन, पुलिस छावनी बना सवारी मार्ग, धारा 144 के कारण श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध

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Nov 12, 2019

अनिल बैरागी - उज्जैन में कार्तिक माह की बैकुंठ चतुर्दशी की अर्ध रात्रि को अदभुत नजारा देखने को मिला क्योंकि यहाँ भगवान भोलेनाथ पालकी में बैठकर गोपाल मंदिर पहुंचे और परंपरा अनुसार भगवान श्री कृष्ण को पृथ्वी का भार सौंप कर कैलाश पर्वत चले गए। भगवान विष्णु और भगवान शिव के इस मिलन को हरि हर मिलन के रूप में मनाया गया। अयोध्या फैसले के कारण शहर में धारा 144 लगी होने से सवारी मार्ग पूरी तरह पुलिस छावनी में बदल गया। सवारी में श्रद्धालुओं के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा हुआ था। साथ ही बैंड, हाथी, घोड़े, भजन मंडली को भी सवारी में शामिल नहीं किया गया। जिला कलेक्टर व एसपी सहित पुलिस प्रशासन का अमला पूरे समय तैनात रहा।

इस परंपरा के बाद से ही आरंभ हो जाते हैं समग्र मांगलिक कार्य

हरि हर मिलन के नाम पर उज्जैन में हजारों वर्षो से चली आ रही यह परंपरा अदभुत है, यहाँ हरि से आशय विष्णु भगवान से और हर से आशय महादेव से है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर पृथ्वी का समग्र भार बैकुंठ के वासी भगवान विष्णु को सौंप कर चार माह के लिए कैलाश पर्वत चले जाते हैं। इस परंपरा के बाद से ही समग्र मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं। रात्रि दो बजे भगवान भोलेनाथ और श्री विष्णु के मिलन का नजारा देखते ही बन रहा था।

हरि हर मिलन के इस अवसर पर रात 11 बजे महाकाल राजा पालकी में सवार हो कर सादगी के साथ एक किलोमीटर का रास्ता तय कर गोपाल मंदिर पहुंचे। यहां विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। धारा 144 लगी होने के कारण ना तो कोई भक्त दिखाई दिया और ना ही आतिश बाजी का नजारा दिखा। प्रतिवर्ष सवारी गाजे बाजे के साथ निकलती है परन्तु इस बार सवारी पूरी तरह पुलिस के साये में निकली, साथ ही गिनती के पण्डित सवारी में शामिल हुए।