Nov 26, 2019
अनिल बैरागी - अगहन मास के सोमवार पर कल उज्जैन में बाबा महाकाल की अंतिम शाही सवारी निकाली गई। भगवान महाकाल राजसी ठाठ बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले। बाबा की एक झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम सड़कों पर देखा गया। उज्जैन में सावन माह की तरह ही कार्तिक-अगहन माह में भी महाकाल की सवारी निकालने की परम्परा है।
अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं महाकाल
महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4 बजे शुरू हुई बाबा की सवारी नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई शिप्रा नदी पहुंची। मान्यता है कि भगवान महाकाल सवारी के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। वहीँ अपने राजा की एक झलक पाने के लिए प्रजा भी घंटों तक सड़क के किनारे इंतजार करती है। शाम को पूजन के बाद राजा महाकाल को चाँदी की पालकी में बैठाकर मंदिर से बाहर लाया गया। मंदिर से निकलते ही पुलिस बैंड और जवानों के द्वारा सवारी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सवारी के आगे घोडा, बेंड, पुलिस टुकड़ी तथा भजन मंडलियाँ चल रही थीं।