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छिंदवाड़ाः पितृ पक्ष की समाप्ति के साथ ही मस्करा गणपति का होने लगा विसर्जन

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Sep 28, 2019

दिनेश धारपुरे - महाराष्ट्र से जुड़े क्षेत्रो में गणेश चतुर्थी में विराजित होने वाले गणेशजी के विसर्जन के बाद पितृ पक्ष में पुनः अखरपक गणेश उत्सव मनाया जाता है। यह गणेशजी पितृ पक्ष में विराजित होने के कारण इन्हें अखरपक गणपति, मस्कारा गणपति आदि नामों से जाना जाता है। यह गणेश उत्सव 10 दिन का होता है और शहर के हर गली मोहल्ले में मस्करा गणपति की स्थापना कर पूजा अर्चना को जाती है।

मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त लगाते है 1100 मोदक भोग

इसी दौर में सौसर के गुरुदेव कालोनी व गणेश कॉलोनी में भी गणपति बप्पा की प्रतिमा को स्थापित कर पूजा अर्चना के साथ-साथ 10 दिन संस्कृति प्रोग्राम, प्रतियोगिता आदि आयोजित की जाती है। यह लगभग 28 वर्ष से अधिक समय से मनोकामना पूर्ण करने वाले गणपति बप्पा की स्थापना की जाती है। पूजा भक्ति में भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने पर लगभग 1100 मोदक का भोग गणेशजी को लगाया जाता है। पितृ पक्ष के समाप्ति के साथ ही इनका विसर्जन भी किया जाता है। आज गणपति बप्पा को विसर्जन के दौरान सौसर में विराजित मस्करा गणपति को नम आंखों से भक्तों ने विदाई दी।