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इंदौरः घर रोशन न कर सका तो जीवन में ही कर दिया अंधेरा, बिजली विभाग की लापरवाही ने ली एक की जान

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Jan 25, 2020

अज़हर शेख - इंदौर में रहने वाले एक व्यक्ति ने इस वजह आज अपनी जीवन में अंधेरा कर लिया, क्योंकि उसके घर में पिछले कई दिनों से अंधेरा छाया हुआ था। अपने मासूम बेटे को एक पिता ने वादा किया था कि आज उसके जन्मदिन पर लाइट आ जाएगी, लेकिन कैसे आती। बिजली के 70 हजार के बकाया बिल पर नहीं हुए बिजली विभाग के अधिकारी मेहरबान, वो रोज जाता, अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाता, लेकिन बिजली विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं तक न रेंगी। लाइट कट जाने का तनाव एक गरीब के परिवर में अंधेरा ले आया। पालनहार को ही मौत तक गले लगाने पर मजबूर कर दिया। आज अपने घर में उस व्यक्ति ने अंधेरे में ही फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। अपने पीछे दो मासूम बच्चे और एक बूढ़ी मां की जिंदगी में हमेशा के लिए अंधेरा पटक गया।

बच्चे के जन्मदिन पर चाहता था घर में बिजली चालू करवाना

जहां एक तरफ सरकार ने गरीबों के लिए 200 बिजली का बिल योजना लागू की थी तो वहीं सरकारी विभाग से मोटी-मोटी महीने की पगार उठा रहे कर्मचारी गरीबों को रोजमर्रा में भटकाने को मजबूर कर रहे थे। जी हां, ऐसी एक घटना सामने आई है इंदौर के मल्हारगंज थाना क्षेत्र के पंचमूर्ति नगर की। जहां रहने वाला बबलू दुबे जो अपने दो मासूम बेटे और बूढ़ी मां के साथ परिवार चलाता था। हालात और आर्थिक मंदी में धीरे-धीरे बिजली का बिल 70000 पहुंच गया। विभाग के अधिकारियों ने उसके घर की लाइट काट दी। जब आज बबलू दुबे के मासूम बच्चे का जन्मदिन पर उसने कहा कि पापा अंधेरे में कैसे जन्मदिन मनाएगे। फिर बबलू बिजली विभाग के अधिकारी के पास लाइट चालू करने के लिए कहने गया, लेकिन उसकी एक नहीं सुन गई। फिर बबलू ने तनाव में आकर अंधेरे में ही फांसी का फंदा लगा आत्महत्या कर ली। फिलहाल इस घटना से पूरे क्षेत्रवासियों में आक्रोश का माहौल पैदा हो गया है। बबलू की मां और बच्चों का रखरखाव करने वाला कोई नहीं रह गया है। फिलहाल रहवासियों का बिजली विभाग के अधिकारियों पर आक्रोश बना हुआ है। इस पूरे मामले को लेकर पुलिस जांच कर रही है।