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धरमपुरीः धार्मिक एवं प्राचीन धरोहर बेट संस्थान के अस्तित्व पर मंडरा रहा है खतरा

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Jul 11, 2019

त्रिलोक राठौड़- ऋषि दधीचि की तपोभूमि बेट संस्थान का अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है। शासन-प्रशासन की अपेक्षा का शिकार टापू अपनी दुर्दशा पर आँसू बहा रहा है। संरक्षण नहीं होने से लगातार टापू का कटाव बढ़ता जा रहा है। नर्मदा की दो धाराओं के बीच स्थित टापू को बचाने का प्रयास व नगर को पर्यटक और पवित्र नगरी घोषित करने की मांग श्रीबिल्वामृतेश्वर महादेव भक्त मंडल, नगरवासियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा वर्षो से की जा रही है।

शासन प्रशासन नही दे रहा है ध्यान

ऋषि दधीचि की तपोभूमि बेट संस्थान शासन-प्रशासन की उपेक्षाओं का शिकार हो कर रहा गया है। नर्मदा के बीच बने शिकार टापू, पर्यटक की दृष्टि से बहुत ही खूबसूरत है लेकिन आज तक ना तो इस नगर को पर्यटक एवं पवित्र नगरी का दर्जा मिला और ना ही टापू को कटाव से बचाने के लिए कोई ठोस उपाय किये गए हैं। टापू पर श्रीबिल्वामृतेश्वर महादेव विराजमान है जो मानव स्थापित ना होकर स्वयं भू हैं, जिनका महत्व अधिक होने से दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं। कई किलोमीटर में फैला भव्य टापू आज लुप्त होने की कगार पर खड़ा है। बारिश की बाढ़ से कटते हुए कुछ ही दूरी में सिमटकर रह गया है, किन्तु इस पवित्र धरोहर को सहजने के लिए शासन-प्रशासन थोड़ा सा भी गम्भीर नहीं है।