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सरकारी जमीन पर कब्जा करके अपने परिवार का पालन करने वाले आदिवासियों के सामने आई पेट भरने की नौबत

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Oct 31, 2018

प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सिहोर की इछावर तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत रामगढ़ जहां लगभग 15 से 20 घर के आदिवासियों को अपने पेट भरने के लाले पड़ रहे है, जैसे तैसे सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपने परिवार का पालन करने वाले आदिवासियों के सामने अब पेट भरने तक कि नौबत आ खड़ी है। 

इछावर के रामगढ़ पंचायत में निवास करने वाले आदिवासी जो लगभग 20 से 30 वर्ष से उस जमीन पर रहकर जमीन में फसल बोकर आपने ओर अपने परिवार का पालन पोषण कर थे ओर लगातार हर वर्ष जुर्बाना की रशीद कटवा कर प्रतिवर्ष सरकार को उस जमीन की अतिक्रमण का जुर्बाना भी सरकार के खजाने में अदा कर रहे हैै। इसके बाद भी बगैर देखे वो जमीन माइनिंग विभाग के द्वारा किसी को स्टोन क्रेशर के लिए जमीन को लीज पर दे है जबकि उस जमीन पर लोग सालो से निवास कर रहे और रामगढ़ पंचायत ने उन लोगो प्राधानमंत्री आवास भी स्वीकृत किये है और लोगो के पक्के मकान भी बने है।

उस जमीन पर 6 PM आवास बने है वर्ष 1998-99 से अतिक्रमण वाली भूमि पर निवासरत है और ऐसी से अपना जीवन यापन कर रहे थे ओर इन आदिवासियों के अपना जीवन यापन करने के लिए कोई संसाधन नही है जबकि नियम ये है कि कोई भी सरकारी जमीन लीज पर दी जाती है तो माइनिंग या राजस्व विभाग द्वारा यह देखा जाता है वह जमीन कहि वन भूमि आबादी से लगी तो नही है लेकिन ये सब नियम ताक पर रखकर स्टोन क्रेसर के लिए लीज पर दे दी गई है जी की नियम विरुद्ध है जिससे कि पर्यावरण और निवासरत लोगो गंभीर नुकसान हो सकता है और अगर ग्राम पंचायत ने उस जमीन पर PM आवास स्वकृत किया है फिर उस जमीन की परमिशन कैसे दे दी बाद सवाल ये ओर अब उन आदिवासियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि आप इस जमीन को खाली करो हमे पंचायत सरपंच ने भी परमिशन दे है।