Loading...
अभी-अभी:

डिजिटल भारत के दावो का असल आईना दिखाती है विदिशा ग्राम की असल तस्वीरे 

image

Jun 29, 2018

विदिशा जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर करारिया पंचायत की यह तस्वीर बताती है कि लोगो को शमसान तक शव को पहुंचाने के लिए कितनी मुश्किलो का सामना करना पड़ता होगा शमसान तक पहुंचने के लिए करारिया गांव के ग्रामीण नदी पार करके शव को बमुश्किल शमशान तक पहुंच पाते है करारिया गांव के शहीद अहमद का कहना है कि कल हमारे ताऊ जी का निधन हो गया था जनाजा कब्रिस्तान तक पहुंचना मुश्किल हो गया नदी में पानी बहुत होने के चलते दिक्कत का सामना करना पड़ता है वर्षो से हम  इसी नदी से शव को कब्रिस्तान ले जाते है कई बार शिकायत ओर आवेदन दिए पर समस्या हल आज तक नही हुई।

बरसात के कारण होती थी समस्या

करारिया गांव में कब्रिस्तान तक पहुंचने के लिए जनाजा या अर्थी ले जाने में ही एक मात्र परेशानी नही इससे बड़ी दिक्कत यहां के बच्चों को होती है इन नोनिहालो को देखिए ये मासूम नदी पार करके स्कूल जाने के लिए मजबूर है बच्चो का कहना है कि हम वर्षो ने इसी नदी को पार करके स्कूल जाते है डर लगता है लेकिन क्या करे पढ़ाई तो करनी है सरपंच को शिकायत भी लेकिन समस्या हल नही हुई सोनिका छात्रा का कहना है कि एक बार नदी पार करते समय मेरा भाई नदी में डूब गया था गांव के लोगो ने बचाया था ज्यादा बरसात होने पर 15 दिनों तक स्कूल भी नही जा पाते।

जान जोखिम में डालकर जा रहे स्कूल

ग्रामीणों  की समस्या मासूम बच्चों को हर दिन जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर को लेकर करारिया के  सरपंच परमार सिंह जादोन का कहना है कि यह गांव वालों और मेरी इस साल की परेशानी नही है वर्षो से ग्रामीण ओर बच्चो इसी समस्या से झूझ रहे है मेने कई बार ऊपर समस्या को उठाया पर हल  नही हुई है सरपंच से जब पूछा गया कि आपके बच्चे होते तो नदी पार करके स्कूल जाते तो सरपंच बोले बिल्कुल नही है में कोशिश कर रहा हूँ ग्रामीणों की समस्या और बच्चों का स्कूल तक पहुंचना आसान हो सके।

ऐसे है शिवराज के वादे

शिवराज सिंह चौहान ने जब खुद पांच साल पहले विदिशा सीट से चुनाब लड़ा तब विदिशा से बादा अपने ही अंदाज में किया मेरे घर के लोगो मुझे विदिशा से जिताओ में आपको विदिशा पेरिस बना कर दूंगा बात सांसद सुषमा स्वराज की कि जाए चुनाब के पहले खूब कलाई पर राखी के बंधन को जनता के सांथ बांधा हर महीने ग्रामीणों की समस्याएं सुनने का बादा किया जीतेंने के बाद आज शहर में गुमशुदगी के पोस्टर उनकी रहा देख रहे हैं।