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दमोहः बारिश ने फिर किसानों पर बरसाया कहर, प्रशासनिक बदइंतज़ामी के चलते हजारों बोरी यूरिया भीगा

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Dec 13, 2019

प्रशांत चौरसिया - प्रदेश में सियासी मुद्दा बन चुका यूरिया किसानों तक पहुँचाने का भले ही सरकार कोशिश कर रही हो, लेकिन ज़रा सी लापरवाही ने एक बार फिर हजारों किसानों के सामने संकट पैदा कर दिया है। ये संकट अचानक आई बारिश की वजह से हुआ है। सूबे के दमोह में बदइंतज़ामी की वजह से हजारों बोरिया यूरिया भीग गया और अब एक बार फिर किसान यूरिया के लिए दर-दर भटकेंगे।

खुले में रखा हजारों बोरी यूरिया पानी की भेंट चढ़ गया

किसानों के खेतों में डालने के लिए यूरिया नहीं था। लिहाजा सड़क से लेकर जिम्मेदारों के दफ्तरों तक हाहाकार मचा, सियासत हुई और किसान को यूरिया देने के लिए जद्दोजहद भी, सरकार ने इंतज़ाम भी किया लेकिन लापरवाही ने किसानों के अरमानों पर फिर पानी फेर दिया।  दमोह के रेलवे स्टेशन पर एक मालगाड़ी से यूरिया आया और करीब दो हजार मेट्रिक टन यूरिया का रेंक यहाँ उतारा गया। जिले में व्यायत यूरिया संकट से निजात मिलने की उम्मीद थी लेकिन गुरुवार की शाम होते-होते अचानक मौसम ने मिजाज बदला और खुले में रखा हजारों बोरी यूरिया पानी की भेंट चढ़ गया। प्रशासन को ये उम्मीद नहीं थी या फिर मौसम विभाग के अलर्ट की तरफ ध्यान नहीं दिया कि बारिश हो सकती है और इस लापरवाही ने फिर संकट पैदा कर दिया।

खुले आसमान के नीचे रखे यूरिया के भीगने से एक बार फिर जिले में यूरिया का संकट

दमोह के रेलवे प्लेटफार्म के नजदीक बनी रेलवे की गोदामों के बाहर खुले आसमान के नीचे ये यूरिया की बोरिया रखी थी और पानी आया तो यूरिया को भिगो गया। हजारों बोरियों में पानी चला गया और कई बोरियों का यूरिया तो पानी में मिल कर बह गया। किसान दमोह में यूरिया आने के खबर के बाद यहाँ रेंक देखने आये थे। खुश थे, लेकिन भीगते यूरिया को देख कर फिर उनकी आँखों में पानी भर आया। बहरहाल खुले आसमान के नीचे रखे यूरिया के भीगने से एक बार फिर जिले में और साथ ही पन्ना जिले में यूरिया का संकट आ सकता है। सरकार इस नुकसान की भरपाई तो कर लेगी लेकिन किसानों को वक़्त पर यूरिया ना मिला तो उनके सामने फसल का संकट जरूर हो सकता है।