Mar 14, 2018
सतना। स्कूली छात्रों को स्कूल पहुंचने के लिए सरकार साइकिल उपलब्ध करा रही है, लेकिन इन साइकिलों पर छात्र तो सवार नहीं हो सके, पर भ्रष्टाचार ने जमकर रेस लगाई। जिले में साइकिल वितरण को लेकर जमकर हीलाहवाली हुई। नतीजा यह हुआ कि कई सत्रों की साइकिल अब तक छात्रों की नहीं मिल सकी।
सितम्बर में किया जाना था वितरण...
शिक्षण सत्र 2016-17 में जहां एक हजार से अधिक साइकिलों का कोई सुराग नहीं है तो वहीं शिक्षण सत्र 2017-18 में एक भी साइकिल का वितरण नहीं है। इस सत्र की सभी साइकिलें सितम्बर माह तक वितरित की जानी थी, मगर विभाग की रस्साकसी और सरकार के निर्णय के बीच यह मामला उलझा रहा।
सतना के व्यंकट स्कूल जहां सोहवाल ब्लॉक की चार हजार साईकिलें डमप हैं। ऐसे सतना जिले में 8 ब्लाक हैं। जिनमें 16 हजार छात्रों का चयन साईकिलों के लिए हुआ है। ताकि वो अपने घर से स्कूल तक शासन की योजनाओं के मुताबिक स्कूल चले अभियान का लाभ ले सकें। लेकिन जमीनी अमला इस कदर कुमकरणी नींद में है, कि सत्र गुजर जाने के बाद भी साईकिलों का वितरण नहीं हो सका।
लापरवाही की भेंट चढ़ी योजना...
जिम्मेदारों से जब इसकी हकीकत जाननी चाही तो वे वितरण न होने की बात तो स्वीकार करते हैं, लेकिन सारा जिम्मा ऊपर बैठे लोगों पर मढ़ रहे हैं। स्कूल चलो अभियान में बेहतर कम्पनी की साइकिलों का वितरण उन पात्र छात्रों को शिक्षण सत्र शुरू होने के पहले ही हो जानी चाहिए थी। ताकि वो अपने गॉव से स्कूल की दूरी को आसानी से तय कर सकें। सरकार ने छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर यह योजना तो चलाई मगर दूसरी योजनाओं की तरह स्कूल चले अभियान के पहिए समय पर नहीं घूम पाए। अधिकारी अब अपना रोना रो रहे हैं, और तकनीकी खराबी को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।
अन्य योजनाओं की तरह स्कूल चले अभियान भी प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ गई है। शैक्षणिक सत्र खत्म हो गया, और छात्र परीक्षाओं में व्यस्त हैं। लेकिन अब तक छात्रों को साईकिलों का वितरण नहीं हुआ है