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Indore: आइटी कंपनियों की पहली पसंद बन रहा इंदौर, एक्सेंचर कंपनी ने शुरू की भर्ती प्रक्रिया

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Aug 18, 2022

इंदौर: विश्व की शीर्ष दस आइटी कंपनियों में शुमार एक्सेंचर ने इंदौर में डेरा डाल लिया है। बीते दिनों कंपनी ने स्कीम 78 में अपने दफ्तर की शुरुआत कर दी। एक्सेंचर एडवांस टेक्नोलाजी सेंटर के नाम से कंपनी ने इंदौर में कामकाज शुरू किया है। कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। मध्यभारत के आइटी हब के रूप में उभर रहे इंदौर में जल्द ही दो और बड़ी आइटी और फिनटेक कंपनियों की आमद होने की उम्मीद की जा रही है।

ये कंपनियां कर रहीं पहले से काम
एक्सेंचर के आने के साथ ही इंदौर में काम कर रही बड़ी आइटी और फिनटेक कंपनियों का आंकड़ा दस तक पहुंच गया है। बीते दिनों फिनटेक कंपनी प्लानफुल ने भी इंदौर में काम शुरू कर दिया है। इससे पहले इंदौर में इंफोसिस, टीसीएस, फिडिलिटी, डीएससी, इम्पेट्स, इंफोबिन, यश टेक्नोलाजी जैसी कंपनियां काम कर रही हैं। इंदौर में दफ्तर खोलने के साथ ही एक्सेंचर ने डिजिटल, क्लाउड, डाटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेटावर्स जैसे तकनीकों की डिग्री और जानकारी रखने वाले युवाओं के लिए भर्ती का ऐलान भी कर दिया है। इंदौर से पहले एक्सेंचर बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, मुंबई और दिल्ली में दफ्तर चला रही है। एक्सेंचर के आने के बाद कम से कम दो और कंपनियां इंदौर में काम शुरू करने के लिए आंतरिक सर्वे और एनालिटिक्स की प्रक्रिया में जुटी हैं।

आइटी पार्क फूल
इंदौर में पहले से मौजूद आइटी पार्कों में अब नई कंपनियों के लिए जगह नहीं बची है। टीसीएस और इंफोसिस को राज्य सरकार सुपर कारिडोर पर पहले ही जगह दे चुकी थी। ऐसे में अब इंदौर में मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआइडीसी) एक और आइटी पार्क के निर्माण की प्लानिंग में जुट गया है। एमपीआइडीसी के कार्यकारी निदेशक रोहन सक्सेना के अनुसार यह सही है कि एक्सेंचर के प्रतिनिधि दफ्तर के लिए जगह की तलाश में एमपीआइडीसी के पास आए थे। हमारे दोनों आइटी पार्क फुल हैं, ऐसे में अब उन्होंने निजी जगह लेकर दफ्तर शुरू किया है। एमपीआइडीसी और सरकार आइटी और फिनटेक कंपनियों के लिए नए प्रोजेक्ट पर लगातार काम कर रहे हैं।

क्यों इंदौर बन रहा पहली पसंद
बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों को छोड़कर आइटी कंपनियों के लिए इंदौर अब पहली पसंद बन रहा है। इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज के प्लेसमेंट आफिसर डा. अवनीश व्यास के अनुसार दरअसल इंदौर में मेट्रो और कास्मोपोलिटन शहरों की सभी सुविधाएं मिल रही हैं। जबकि वेतन से लेकर आपरेशनल कास्ट तक हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई जैसे बड़े शहरों के मुकाबले काफी कम है। एजुकेशन हब होने के कारण दक्ष कर्मचारी भी भरपूर मिल रहे हैं। मेट्रो सिटीज के मुकाबले कम वेतन मिलने पर भी वे घर के करीब रहकर काम करना पसंद कर रहे हैं। इंदौर से राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र की सीधी कनेक्टिविटी भी कंपनियों और कर्मचारी दोनों को पसंद आ रही है।।