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वृश्चिक संक्रांति 2025: 16 नवंबर को सूर्य का वृश्चिक प्रवेश, इन 4 खास दानों से खुलेंगे भाग्य के द्वार!

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Nov 15, 2025

वृश्चिक संक्रांति 2025: 16 नवंबर को सूर्य का वृश्चिक प्रवेश, इन 4 खास दानों से खुलेंगे भाग्य के द्वार!

15 नवंबर 2025 को सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में गोचर करने वाले हैं, जिसे वृश्चिक संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म में बेहद शुभ माना जाता है, जहां स्नान, पूजा और दान से पुण्य कमाया जाता है। इस दिन किए गए विशेष दान जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं। आइए जानें, कैसे यह संक्रांति आपके भाग्य को चमका सकती है। 

संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त

वृश्चिक संक्रांति इस बार 16 नवंबर 2025, रविवार को मनाई जाएगी। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य सुबह ठीक 8 बजकर 02 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। पुण्य काल सुबह 8:02 से दोपहर 1:45 तक रहेगा, जो स्नान, दान और पूजन के लिए सबसे उत्तम समय है। इस अवधि में पवित्र नदी में डुबकी लगाना या घर पर ही जल से स्नान करना फलदायी होता है। सूर्य देव को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है। मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वंश की रक्षा होती है।

दान की महिमा और भाग्य वृद्धि

धार्मिक ग्रंथों में संक्रांति को दान का पर्व कहा गया है। वृश्चिक संक्रांति पर दान से ग्रह दोष दूर होते हैं और मंगल की कृपा प्राप्त होती है, क्योंकि वृश्चिक मंगल की राशि है। यह दिन नए कार्य शुरू करने, पूजा-पाठ और सात्विक जीवन अपनाने के लिए आदर्श है। दान करने से न केवल पुण्य मिलता है, बल्कि जीवन की बाधाएं भी कम होती हैं। विशेष रूप से चार दानों को चमत्कारी माना जाता है, जो भाग्य के दरवाजे खोलते हैं।

अन्न दान: सुख-समृद्धि का आधार

सबसे पहले अन्न का दान करें। गेहूं, चावल, दाल या अन्य अनाज गरीबों, ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को दें। यह दान जीवन में कभी अन्न की कमी नहीं होने देता और परिवार में खुशहाली लाता है। पुरानी मान्यताओं में अन्न दान को अक्षय पुण्य का स्रोत बताया गया है।

वस्त्र दान: सकारात्मकता का संचार

पुराने या नए कपड़े दान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह दान देवताओं को प्रसन्न करता है और जीवन में नई शुरुआत का संकेत देता है। खासकर जरूरतमंद महिलाओं या बच्चों को वस्त्र दें, इससे आत्मिक शांति मिलती है।

धन दान: आर्थिक बाधाओं का नाश

मंदिर, अनाथालय या गरीबों को धन दान करें। यह दान भाग्य को मजबूत बनाता है और धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है। छोटी राशि से भी बड़ा फल मिलता है, बस भावना शुद्ध होनी चाहिए।

फल-मिठाई दान: इच्छापूर्ति का माध्यम

लाल रंग के फल जैसे अनार, सेब या टमाटर दान करें। मिठाई बांटने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में मिठास बनी रहती है। यह दान सूर्य देव को प्रिय है।

वृश्चिक संक्रांति पर ये दान न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि समाज में सहयोग की भावना जगाते हैं। सूर्य मंत्र 'ओम घृणि सूर्याय नमः' का जाप करें और सूर्योदय के समय पूजा करें। याद रखें, दान गुप्त रूप से करें तो फल दोगुना होता है। इस पर्व को सात्विक भोजन और ध्यान से मनाएं, ताकि आने वाला साल सुखमय हो।

 

Report By:
Monika