Dec 31, 2017
आंध्र प्रदेश के तिरूमाला पहाड़ों पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर के कई रहस्य हैं, जिसने अब तक पर्दा नहीं उठा है, आइए आपको बताते हैं इनके बारे में
अगर आप देखेंगे तो ये लगेगा कि भगवान की मूर्ति गर्भ गृह के बीच में है, लेकिन वास्तव में यह मंदिर के दायीं ओर स्थित है। ऐसा क्यों होता है इसके बारे में किसी को पता नहीं है।
यहां की मान्यता के अनुसार जब 18 वी शताब्दी में यहां के राजा ने 12 लोगों को मारकर मंदिर की दीवार पर लटका दिया था उस समय भगवान स्वयं यहां प्रकट हुए थे और ये मंदिर 12 वर्षों तक बंद रहा।
वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति का पिछला हिस्सा हमेशा नम रहता है। ध्यान से सुनने पर इसमें से सागर की आवाज सुनाई देती है। ये आवाज कहां से आती है, इसके बारे में कोई नहीं जानता।
मंदिर के दरवाजे कि दायीं ओर एक छड़ी लगी हुई है, माना जाता है इस छड़ का उपयोग भगवान के बाल रूप को मारने के लिए किया गया था। जब इससे भगवान की ठोड़ी पर चोट लग गई तब भगवान को ठोड़ी पर चंदन का लेप लगाया गया और तभी से भगवान को चंदन का लेप लगाने की शुरूआत हुई।
बालाजी की मूर्ति पर पचाई कर्पूरम चढ़ाया जाता है जो कर्पूर मिलाकर बनाया जाता है। यदि इसे किसी साधारण पत्थर पर चढाया जाए, तो वह कुछ ही समय में चटक जाता है, लेकिन मूर्ति पर इसका प्रभाव नहीं होता है। इसका क्या कारण है इसके बारे में आज तक कोई नहीं जान पाया।