Jan 26, 2023
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी को जगदलपुर के लाल बाग में तिरंगा फहराकर परेड की सलामी ली। समारोह में सशस्त्र बल के जवानों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। इस अवसर पर राज्य के लोगों को बड़ी सौगातें दी गईं। ये घोषणाएं आने वाले दिनों में राज्य सरकार के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। हम बता रहे हैं मुख्यमंत्री की घोषणाओं का सिलसिला।
घोषणा 1 - राज्य में आदिवासी पर्व सम्मान निधि की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के आदिवासी समुदाय की संस्कृति और त्योहारों को संरक्षित करने के लिए कृतसंकल्प है। सरकार अगले वित्तीय वर्ष से प्रत्येक ग्राम पंचायत को 1000 रुपये देगी। 10,000 दिया जाएगा।
घोषणा 2- युवाओं को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा
बेरोजगारों को अगले वित्तीय वर्ष से हर महीने बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।
घोषणा 3- महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नई योजना शुरू की जाएगी
महिला समूहों, महिला उद्यमियों, महिला उद्यमियों और महिला स्टार्ट-अप के लिए व्यावसायिक उद्योग स्थापित करने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।
घोषणा 4- इनोवेशन कमीशन का गठन किया जाएगा
छत्तीसगढ़ की संस्कृति और विरासत को संजोने और संरक्षित करने के बाद छत्तीसगढ़ को प्रगति के पथ पर लगातार आगे बढ़ाने के लिए राज्य में छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग का गठन किया जाएगा।
घोषणा 5- प्रदेश में एरोसिटी बनाई जाएगी
रायपुर एयरपोर्ट पर यात्री सुविधाओं, एयरपोर्ट क्षेत्र के व्यावसायिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के पास एयरोसिटी विकसित की जाएगी।
घोषणा 6- प्रदेश में ग्रामीण उद्योग नीति बनेगी
छत्तीसगढ़ में कुटीर उद्योग आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, रोजगार और लोगों की आय बढ़ाने के लिए ग्रामीण उद्योग नीति बनाई जाएगी।
घोषणा 7- औद्योगिक इकाइयों को संपत्ति कर से छूट दी जाए
उद्योग विभाग द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित इकाइयों को संपत्ति कर के भार से छूट दी जायेगी।
घोषणा 8- जीवनदायी खारून नदी पर रिवर फ्रंट बनाया जाएगा
रायपुर और दुर्ग जिलों के जीवन और लोक आस्था का केंद्र खारून नदी व्यापार और मनोरंजन का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खारून नदी पर एक उत्कृष्ट रिवर फ्रंट विकसित करने की घोषणा कर रहा हूं।
घोषणा 9- विद्युत शिकायतों के निराकरण के लिए आधुनिक ऑनलाइन समाधान प्रणाली बनाई जाएगी
बिजली बिल अर्ध योजना को शानदार प्रतिक्रिया मिलने के बाद मैं घोषणा करता हूं कि बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए एक अत्याधुनिक ऑनलाइन शिकायत और निवारण प्रणाली विकसित की जाएगी।
घोषणा 10- निर्माण श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना का शुभारंभ किया जायेगा
छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत कारखाना श्रमिकों को अपना घर बनाने के लिए लगातार तीन वर्ष तक 50 हजार रुपये अनुदान देने की योजना शुरू की जायेगी।
घोषणा 11- प्रदेश में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय रामायण/मानस महोत्सव का आयोजन
भांचा राम और माता कौशल्या में छत्तीसगढ़ के लोगों की अपार आस्था है। हर साल हम राष्ट्रीय रामायण/मानस मंडली महोत्सव का आयोजन करेंगे।
घोषणा 12- चंदखुरी में प्रतिवर्ष मां कौशल्या महोत्सव का आयोजन किया जाएगा
छत्तीसगढ़ मां कौशल्या की धरती है इसलिए हर साल चंदखुरी में कौशल्या महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में राशन कार्ड धारकों को एक साल तक मुफ्त चावल मिलेगा।
सभी जिलों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण पीडीएस द्वारा किया जाएगा
जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि हमारे संविधान में लिखे शब्दों को बहुत ही स्पष्ट मन और न्याय की अटल मंशा से समझा जा सकता है। न्याय के लिए विरासत में मिले अदम्य साहस को हमने अपनी सरकार का मूल मंत्र बनाया है। सबसे कमजोर तबके को सबसे पहले न्याय देना हमने अपना पहला कर्तव्य समझा है। जिसके कारण हम पिछले चार वर्षों में बिना किसी संदेह के छत्तीसगढ़ महतारी की पूरे समर्पण के साथ सेवा कर पाए हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अप्रैल माह से राज्य के सभी जिलों के सभी राशन कार्ड धारकों को पीडीएस के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराया जायेगा।
पट्टे वाली वन भूमि 5 लाख परिवारों की आजीविका का साधन बनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वन अधिकार पत्र के तहत दी जाने वाली जमीन को हमने चार साल में 11 लाख से बढ़ाकर 40 लाख हेक्टेयर कर दिया है। प्रदेश और देश में पहली बार हमने नगरीय क्षेत्रों में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र और वन अधिकार पत्र जारी करने की पहल की है। इस प्रकार अनेक प्रयासों से हमने 5 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार और विभिन्न योजनाओं का लाभ देकर अनिश्चितता से मुक्त किया है। हमने वन अधिकार धारकों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का पात्र बनाया है।
65 वनोपजों को रियायती दर पर क्रय करना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति और वनोपज की रक्षा करने वाले लोगों को आय के अधिकार से वंचित होते देख उन्हें गहरा दुख हुआ है। हमने आदिवासी भाई-बहनों को न्याय दिलाने के लिए गौण वनोपज की खरीद के सभी पहलुओं पर काम किया, वनोपज का समर्थन मूल्य 7 से बढ़ाकर 65 किया और मूल्य बढ़ाने के साथ उपार्जन केंद्रों में उचित व्यवस्था भी की। जिससे अब हम देश की कुल वनोपज का 75 प्रतिशत हिस्सा खरीद रहे हैं।
तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक रु। 4 हजार प्रति मानक बोरा
तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक रु। 2 हजार 500 रु। 4 हजार प्रति मानक बोरा बोया गया, जिससे कलेक्टर को मिलने वाली राशि रु। बढ़ाकर 1 हजार 500 करोड़ रु। 2 हजार 521 करोड़। इतना ही नहीं, हमने आदिवासी परिवारों को ऐसी फसलें उगाने के लिए प्रेरित किया, जो बाजार में बहुत अच्छी कीमत पर बिकती हैं और इस तरह हमने आदिवासी समाज के लिए उन्नत खेती का रास्ता खोला और उन्हें प्रगतिशील किसानों की एक नई पहचान भी दी। ।
प्रदेश में 562 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना
लोहंडीगुड़ा में जमीन वापस करने के साथ ही हमने राज्य भर में वन उत्पादन प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया। अब प्रदेश में ऐसे 50 केन्द्रों में 134 प्रकार के हर्बल उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं, जिनकी बिक्री प्रदेश में स्थापित संजीवनी केन्द्रों, सी-मार्ट आदि के माध्यम से की जा रही है। मात्र चार वर्षों में प्रदेश के 112 विकासखण्डों में फूड पार्कों के लिये भूमि चिन्हित कर 52 विकासखण्डों में भूमि हस्तान्तरित की जा चुकी है। प्रदेश में 562 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की गई हैं।
समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी, रागी की खरीदी
मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे अनाज या बाजरा की अधिकांश खेती वन क्षेत्रों में की जाती है, लेकिन उचित मूल्य और विपणन की सुविधा नहीं होने के कारण आदिवासी और ग्रामीण लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। इसके साथ ही बाजरे की खेती करने वाले किसानों को भी हमने सम्मानित किया है। कोदो, कुटकी, रागी उपार्जन के लिए घोषित समर्थन मूल्य को भी 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' से जोड़ा गया है।
सभी वर्गों के विकास के लिए नए उपाय
हमने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए नए उपाय किए हैं। 'आदर्श छात्र योजना', 'एकलव्य आदर्श निवासी स्कूल योजना', 'छात्रवृत्ति योजना', 'विद्यार्थी अन्न सहाय योजना', 'राजीव युवा उत्थान योजना', 'राजीव गांधी बाल भविष्य संरक्षण योजना' जैसी कई छात्र उत्थान योजनाएं 'जवाहर' के प्रयास में सहायता राशि, हितग्राहियों की संख्या और सुविधाओं में लगातार हो रही वृद्धि ने विद्यार्थियों में नई आशा और विश्वास जगाया है।
धान खरीदी में हर साल रिकॉर्ड बन रहे हैं
केंद्रीय पूल में छत्तीसगढ़ सबसे बड़ा चावल उत्पादक राज्य है
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले क्रय केंद्रों की संख्या 1899 थी, जिसे बढ़ाकर अब 2497 कर दिया गया है। इसके अलावा बारदान, टोकन, तौल, भुगतान की कमी जैसी समस्याओं से किसानों को बाजार में बेहद अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। हमने ऑनलाइन टोकनाइजेशन शुरू किया और विभिन्न व्यवस्थाएं कीं ताकि धान की खरीद गरिमापूर्ण, शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से हो सके। ऐसी सुविधाएं देने से हम देश में किसानों से सबसे ज्यादा धान खरीदने वाला राज्य भी बन गए हैं। हमने एकत्रित धान को सीधे मिलिंग के लिए भेजने की एक नई प्रणाली शुरू की है, जिससे धान की बर्बादी पर अंकुश लगा है, मिलिंग क्षमता में वृद्धि हुई है, जिससे हम केंद्रीय पूल में सबसे बड़े चावल आपूर्तिकर्ता राज्य बन गए हैं।
गाय के गोबर का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व सभी जानते हैं
उन्होंने कहा कि इन्हीं प्रयासों का एक घटक हमारी 'गोधन न्याय योजना' ने न केवल पशुधन विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, बल्कि गाय के गोबर के सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ उसके आर्थिक महत्व को भी रेखांकित करने में बड़ी सफलता हासिल की है। इस योजना ने राज्य में 3 लाख से अधिक लोगों को आय का एक नया स्रोत प्रदान किया है और अब तक 362 करोड़ से अधिक की आय अर्जित की है, जिससे लाभार्थी परिवारों को अपने आवास, वाहन, स्वास्थ्य, मानकों को उन्नत करने में सक्षम बनाया गया है। आवासीय, मांगलिक कार्य, स्थायी धन। वे आवास निर्माण, आजीविका साधनों के विकास जैसे अनेक कार्य करने में सक्षम हैं, जिससे हितग्राहियों के बढ़े उत्साह एवं उद्यमिता ने विकास का एक नया वातावरण तैयार किया है।
किसानों और कमजोर वर्गों को 1।5 लाख करोड़ की सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों और अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों को करीब एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि देकर न्याय योजनाओं को सार्थक बनाया है और इस राशि को किसानों के बैंक खातों में जमा कराने की भी व्यवस्था की है। । लाभार्थी पिछले चार वर्षों में किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या 50 प्रतिशत बढ़कर 81 लाख 22 हजार हो गई है। साथ ही ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। मार्च 2021 तक बैंक मित्रों की संख्या मात्र 18 हजार 323 थी जो अब बढ़कर 35 हजार से अधिक हो गई है। बैंक की शाखाओं की संख्या 22 प्रतिशत बढ़कर 573 हो गई।
चिटफंड कंपनियों पर सख्त कार्रवाई: निवेशकों से वसूले जाएंगे रु। 25 करोड़ लौटाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसी स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं जहां कोई उच्च स्तर की सुरक्षा के साथ राज्य के लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ले, इसलिए हमने सरकार में आते ही 'चिटफंड कंपनियों' के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। । छत्तीसगढ़ में पिछले चार साल में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 207 मामले दर्ज किये गये और 650 से अधिक संचालकों और उनके अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया।
किसानों को इनपुट सब्सिडी के लिए रु। 16442 करोड़ की सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के महतारी के चेहरे पर बेशक धान किसानों की समृद्धि ने मुस्कान ला दी है, लेकिन हमने हर तरह की फसल उगाने वाले किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' लागू की है। धान के साथ। इसके तहत तीन साल में 16 हजार 442 करोड़ रुपए की विनिमय सहायता दी गई है।
ग्रामीण भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को न्यूनतम वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में भूमिहीन मजदूरों को न्याय दिलाना राज्य का काम नहीं है। हमने 'राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना' लागू कर एक वर्ष में 4 लाख 66 हजार से अधिक लोगों को निश्चित न्यूनतम वित्तीय सहायता देने का सपना साकार किया है। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में हमने कई योजनाएं शुरू की हैं जिससे मजदूरों को विभिन्न प्रकार के कार्यों का सीधा लाभ मिला है और लाभ का दायरा भी बढ़ा है।
2 लाख 65 हजार बच्चे कुपोषण से मुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि धान के खेतों में भुखमरी और कुपोषण के दुष्चक्र को तोड़ने के लिए 'मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान' शुरू किया गया था। इससे अब तक चिन्हित 4 लाख 34 हजार बच्चों में से 2 लाख 65 हजार बच्चों को कुपोषण से तथा एक लाख 50 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्त किया जा चुका है। इसके अलावा, हमने गर्भावस्था, सुरक्षित प्रसव, मां और बच्चों के स्वस्थ विकास के विभिन्न पहलुओं पर उचित ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे विभिन्न प्रयासों से मातृ मृत्यु दर 159 से घटकर 137 पर आ गई है।
अप्रैल 2023 से सभी जिलों में फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडीएस राशन कार्ड धारकों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण अप्रैल 2023 से सभी जिलों में शुरू किया जाएगा। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अप्रैल 2022 से दिसम्बर 2022 तक निर्धारित मासिक पात्रता एवं अतिरिक्त पात्रता हेतु 64 लाख अंत्योदय, अग्रथ, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन राशन कार्ड धारकों को निःशुल्क चावल उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसे जनवरी 2023 से दिसम्बर 2023 तक बढ़ा दिया गया है।
यूनिवर्सल पीडीएस: 100% खाद्य सुरक्षा लक्ष्य हासिल किया गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार हमने 'यूनिवर्सल पीडीएस' के तहत 100 प्रतिशत खाद्य सुरक्षा यानी 2 करोड़ 61 लाख लाभार्थियों का लक्ष्य पूरा कर लिया है। राशन कार्ड धारक छत्तीसगढ़ या देश के किसी भी राज्य में उचित मूल्य की दुकान से अपनी सुविधानुसार राशन सामग्री प्राप्त कर सकें, इसके लिए 'वन नेशन वन राशन कार्ड योजना' लागू की गई है। 13 हजार 518 उचित मूल्य की दुकानों में से 13 हजार 451 उचित मूल्य की दुकानों को ई-पास मशीन लगाकर आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से वितरित किया जा रहा है।
चार वर्षों में 6 नए जिलों, 19 अनुमंडलों और 83 तालुकों का निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन की सेवाएं आम लोगों तक पहुंचाने के लिए की गई सभी घोषणाओं को हमने पूरा किया है। पिछले चार वर्षों में 6 नए जिले, 19 अनुमंडल और 83 तालुका बनाए गए हैं।
उत्कृष्ट महाविद्यालय प्रारंभ होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उच्च शिक्षा को युवाओं में अनुशासन, संस्कार और रोजगार क्षमता बढ़ाने की दृष्टि से देखा है और उचित कदम उठाए हैं। आवश्यकता पड़ने पर हमने लड़कियों के लिए सह-शिक्षा और विशेष महाविद्यालय शुरू किए और बड़े पैमाने पर सीटें भी बढ़ाईं। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि कॉलेजों में सकल नामांकन अनुपात पांच गुना बढ़ गया है। वहीं छात्राओं की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। इस प्रकार उच्च शिक्षा में लड़कियों की प्रगति एक बड़ी उपलब्धि है। मैं बेटियों के उत्साह, जागरूकता और आगे बढ़ने की दृढ़ इच्छाशक्ति को सलाम करता हूं। 'स्वामी आत्मानंद स्कूल ऑफ एक्सीलेंस' की तर्ज पर कॉलेज खोलने का भी निर्णय लिया गया है, जो उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में एक नया प्रतिमान होगा।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक : खेल के साथ आपसी तालमेल
'छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक' के माध्यम से हमने पारंपरिक ग्रामीण खेलों के प्रति जागरूकता पैदा करने और आपसी सौहार्द को मजबूत करने में काफी सफलता हासिल की है। इससे बनने वाले वातावरण से प्रदेश में खेल अधोसंरचना के विस्तार की मुहिम को बल मिलेगा और युवाओं को खेलों में भी अधिक सफलता के रूप में लाभ होगा।