Apr 7, 2024
Lok Sabha Election 2024 :लोकसभा चुनाव 2024 का चुनावी संखनाद हो चुका है मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है ऐसे में इस बार चर्चा उस सीट की तेज हो गई है जो सूबे के मुखिया डॉ. मोहन यादव का गृहक्षेत्र है, औऱ लंबे समय से ये सीट भाजपा के कब्जे रही है।
उज्जैन में मतदान कब होगें ?
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च को तारीखों की घोषणा कर दी जिसके मुताबिक उज्जैन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 13 मई को चौथे चरण के दौरान मतदान होना है जबकि परिणामों की घोषणा देशभऱ 4 जून को की जाएगी.
भाजपा-कांग्रेस ने किया प्रत्याशियों का ऐलान
उज्जैन-आलोट लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस ने महेश परमार को मैदान में उतारा है तो वहीं दूसरी भाजपा ने सांसद अनिल फिरोजिया को एक बार फिर मोका दिया है. लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के अनिल फिरोजिया ने 7,90,207 मतों से जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी बाबूलाल मालवीय दूसरे नंबर पर रहे थे. साथ ही दोनों के बीच जीत का अंतर 3,64,698 वोटों से रहा है.
विधानसभा चुनाव 2023 का परिणाम
उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र 8 विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बना है लोकसभा सीट के तहत आने वाली नागदा-खचरौद, घटिया, बडनगर, महिदपुर, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, अलोट, तराना समेत 8 विधानसभाओं में से 6 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि ताराना औऱ महिदपुर सीट पर कांग्रेस का कब्जा है.
महेश परमार अनिल फिरोजिया को कब हरा चुके ?
मध्यप्रदेश में 2018 से पहले तक तराना विधानसभा सीट से अनिल फिरोजिया विधायक रहे 2018 में हुए विधान सभा चुनाव में महेश परमार और अनिल फिरोजिया आमने-सामने थे. विधानसभा परिणाम में महेश को 67778 और अनिल फिरोजिया को 65569 वोट मिले थे. अनिल फिरोजिया को हार का सामना करना पड़ा था. जबकि एक बार फिर दोनों आमने सामने होंगे.इससे इस सीट पर चर्चा औऱ तेज हो गई है कि इस बार कौन बाजी मारेगा
कौन है महेश परमार ?
उज्जैन से कांग्रेस ने यहां से महेश परमार को मैदान में उतारा है जबकि भाजपा की तरफ से यहां पर अनिल फिरोजिया पहले से मैदान में खड़े है. 44 साल के महेश परमार तराना से कांग्रेस के विधायक हैं। वे लगातार दूसरी बार विधायक बने थे। उनकी आय का मुख्य साधन वेयर हॉउस और कृषि है। परमार साल 2000 से जिला पंचायत सदस्य रहे और 2013 से 2018 तक जिला पंचायत के अध्यक्ष बने। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी होने के चलते 2018 में तराना विधान सभा सीट से उन्हें टिकट मिला था। भाजपा के अनिल फिरोजिया को हराकर वे पहली विधायक बने। कॉलेज के समय छात्र संघ के उपाध्यक्ष रहे, विक्रम विश्वविद्यालय एनएसयूआई परिक्षेत्र के अध्यक्ष बने। कांग्रेस सरकार के समय माधव कॉलेज जन भागीदारी के अध्यक्ष रहे। उज्जैन महापौर का चुनाव लड़ा, लेकिन बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
कौन है अनिल फिरोजिया ?
भाजपा प्रत्याशी अनिल फिरोजिया दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और दूसरी बार सांसद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं.जबकि एक बार वे तराना विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. इसके बाद दूसरी बार विधायक का चुनाव लड़ने पर वे अपने प्रतिद्वंदी महेश परमार से ही हार गए थे. बाद पार्टी ने उनकों संसद का टिकट दिया था, जिस पर वे जीत गए थे. अनिल फिरोजिया की उम्र 52 वर्ष है और वे ABVP , बजरंग दल, भाजयुमो भाजपा के नगर और जिला इकाई से लेकर प्रदेश संगठन तक में कार्य कर चुके है. स्वयंसेवक की भूमिका में संघ से प्रेरणा लेकर प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कई अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन उन्होंने किया है.
उज्जैन लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
उज्जैन लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 14 लाख, 98 हजार, 473 है. यहां की जातिगत समीकरणों की बात करें, तो यहां सामान्य वर्ग के मतदाता 24.6 प्रतिशत हैं. वहीं, पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या 18.6 प्रतिशत है. इसके अलावा, एससी-एसटी मतदाताओं की जनसंख्या 46.3 प्रतिशत हैं. यहां अल्पसंख्यक समाज के मतदाताओं की संख्या मात्र 3.9 प्रतिशत और अन्य 6.6 प्रतिशत हैं.
उज्जैन-आलोट संसदीय का इतिहास
उज्जैन लोकसभा क्षेत्र के पूराने आकड़ो पर नजर डाले तो यहां भाजपा बेहतर स्थिति में रही है. इस सीट पर 1984 के बाद यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला रहा है, लेकिन वर्ष 1984 और 2009 को छोड़कर कांग्रेस यहां कभी भी जीत नहीं पाई है. जबकि यहां 1984 से अब तक 8 बार भाजपा के उम्मीदवार जीत हासिल कर चुके हैं.
कौन कब जीता, और किसको हराया ?
1. वर्ष 1952 से 1967 तक यहां पर कांग्रेस के नेता राधेलाल व्यास सांसद रहे उन्होंने भारतीय जनसंघ के भार्गव कैलाश प्रसाद को हराया था.
2. वर्ष 1967 में जनसंघ के हुकुमचंद कछवाय ने कांग्रेस के दुर्गादास सूर्यवंशी को हराया था.
3. वर्ष 1971 में जनसंघ के फूलचंद वर्मा ने कांग्रेस के बापूलाल मालवीय को हराया.
4. वर्ष 1977 में भारतीय लोकदल के हुकुमचंद्र कछवाय ने कांग्रेस के दुर्गादास सूर्यवंशी को हराया.
5. वर्ष 1980 में भाजपा के सत्यनारायण जटिया ने कांग्रेस के सुज्जनसिंह विश्नार को हराया.
6. वर्ष 1984 में कांग्रेस के सत्यनारायण पंवार ने भाजपा के डा. सत्यनारायण जटिया को हराया.
7. वर्ष 1991 में भाजपा के डा. सत्यनारायण जटिया ने कांग्रेस के सज्जनसिंह वर्मा को हराया.
8. वर्ष 1996 में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के सिद्धनाथ परिहार को हराया.
9. वर्ष 1998 में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के अवंतिका प्रसाद मरमट को हराया.
10. वर्ष 1999 में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के तुलसीराम सिलावट को हराया.
11. वर्ष 2004 में भाजपा के जटिया ने कांग्रेस के प्रेमचंद्र गुड्डू केा हराया.
1. वर्ष 2009 में कांग्रेस के प्रेमचंद्र गुड्डू ने भाजपा के जटिया को हराया.
2. वर्ष 2014 में भाजपा के चिंतामणि मालवीय ने कांग्रेस के प्रेमचंद्र गुड्डू को हराया.
3. वर्ष 2019 में भाजपा के अनिल फिरोजिया ने बाबूलाल मालवीय को हराया.