Dec 6, 2022
देश के संविधान में प्रत्येक व्यक्ति को आर्टिकल 21 में जीवन जीने की स्वतंत्रता दी गई है। इसके तहत हर व्यक्ति अपने तरीके से जीवन व्यतीत कर सकता है। इसी अधिकार में एक महत्वपूर्ण अधिकार भी है, जिसका नाम निजता का अधिकार है और जिसे राइट टू प्राइवेसी भी कहा जाता है।
Q. किसी दूसरे घर की ओर सीसीटीवी कैमरे लगाना क्या प्राइवेसी का हनन है?
A. यदि कोई व्यक्ति आपकी मर्जी के बिना फोटो खींचकर प्रकाशित या वायरल करता है तो यह आपकी निजता के अधिकार का उल्लंघन है। सोशल मीडिया फ्रैंक वीडियो के नाम पर ऐसे वीडियो बनाकर वायरल किए जाते हैं, जो गलत है। किसी प्रकार की ताक झांक करना, स्पाय कैमरे से किसी की गतिविधि को रिकॉर्ड करना, जानकारी के बिना मोबाइल पर बात रिकॉर्ड करना, आपके द्वारा दी गई जानकारी किसी संस्था द्वारा बाहर लीक कर देना, आपके घर या आपकी ओर सीसीटीवी कैमरे लगाना आदि प्राइवेसी के अधिकार का हनन है। यदि अपराध पर लगाम लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं तो वह गलत नहीं है।
Q. किसी संस्था को जानकारी देने से पहले क्या करना चाहिए?
A. कई बार हमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी संस्था या व्यक्ति को शेयर करना पड़ती है। ऐसी स्थिति में शेयर करने के पूर्व संस्था या व्यक्ति से पूछा जा सकता है कि इस जानकारी का इस्तेमाल कहां होने वाला है। किसी भी ऑफलाइन या ऑनलाइन फॉर्म में अपनी जन्मतिथि या अपनी व्यक्तिगत जानकारी भरने के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि संस्था ऑथेंटिक है अथवा नहीं। आधार कार्ड पर हस्ताक्षर कर सेल्फ अटेस्टेशन करना चाहिए। साथ ही यह भी लिख देना चाहिए कि वह किस लिए दिया गया है।
२. निजता का उल्लंघन होने पर कहां शिकायत करें?
A. निजता का उल्लंघन होने पर संपूर्ण जानकारी का ड्राफ्ट बनाकर संबंधित पुलिस थाने में शिकायत करें। यदि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है तो मजिस्ट्रेट के समक्ष परिवाद दाखिल किया जा सकता है। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट अर्थात आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होती है। धारा 66 ई इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के अंतर्गत 3 वर्ष का कारावास और दो लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।