Mar 28, 2024
24 की चौसर -भिंड लोकसभा क्षेत्र में भिंड और दतिया जिला आते हैं भिंड जिला सीमा की रक्षा में तत्पर और तैनात वीर सपूतों के लिए पहचाना जाता है। वहीं, दतिया में पीतांबरा माई का शक्तिपीठ है। पीठ की वजह से दतिया में अति विशिष्ट लोगों का आगमन होता रहता है।
कौन हैं संध्या राय -
संध्या राय का जन्म 4 जनवरी 1974 को हुआ था ,संध्या राय को BJP ने लोकसभा का टिकिट दिया है वे इस समय भिंड-दतिया लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद भी हैं संध्या राय ने Congress प्रत्याशी देवाशीष जरारिया को 1 लाख 99 हजार 865 मतों से बुरी तरह हराया था...संध्या राय MP के मुरैना जिले की रहने वाली है।सांसद सध्या राय का पांच साल का कार्यकाल औसत ठीक रहा है। शहर में भिंड-अटेर क्रासिंग, सोनी, रायतपुरा औ साैंधा के पास ओवरब्रिज की मंजूरी दिलाने के साथ इटावा-ग्वालियर तक मैमो ट्रेन की मंजूरी दिलाने सहित इटावा-ग्वालियर हाइवे को फोरलेन की मंजूरी दिलाना सहित काम हैं, जो उन्होंने कराए हैं। साथ ही कार्यकर्ताओं के बीच में उनकी छवि साफ एवं स्वच्छ है। यही वजह है, कि भिंड-दतिया लोकसभा में कार्यकर्ता उन्हें पसंद करते हैं
कौन है फूल सिंह बरैया -
लोकसभा चुनाव में इस बार भिंड से कांग्रेस ने इन्हे अपना प्रत्याशी बनाया है फूल सिंह बरैया अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चाओं में बने रहते हैं वे एक ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने बसपा को मध्य प्रदेश की सत्ता में लाने का अभियान चलाया था लेकिन कुछ समय बाद फूल सिंह बरैया और मायावती के बीच में कुछ ऐसा हुआ कि फूल सिंह बरैया ने बसपा पार्टी छोड़ दी। दरअसल हुआ कुछ यूं कि जब मायावती उत्तर प्रदेश में भाजपा से हारी तो उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर भाजपा को हराने की एक योजना बनाई लेकिन इस सब में फूल सिंह बरैया बीच में आ रहे थे इसलिए मायावती ने उन्हें अपने पद से हटाया और इसके बाद फूल सिंह बरैया पर कई तरह के आरोप भी लगे। फूल सिंह बरैया ने कुछ समय बाद ही एक नई पार्टी बना ली उनकी नई पार्टी का नाम था समता समाज पार्टी। अपनी नई पार्टी को लॉन्च करने के साथ में उन्होंने यह ऐलान किया की समता समाज पार्टी 230 सीटों पर चुनाव इस समय फूल सिंह बरैया यही चाहते थे कि उनकी पार्टी को भाजपा या कांग्रेस किसी से भी समझौता न करना पड़े। मायावती की पार्टी ने फूल सिंह बरैया पर कई तरह के आरोप लगाए, उनपर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी के कागज चुराए हैं। फूल सिंह बरैया ने इससे इनकार किया जिसके बाद फूल सिंह बरैया ने कहा था कि बसपा के मंसूबे मेरी वजह से पूरे नहीं हो पाए इसीलिए वह इस तरह के आरोप मुझ पर लगा रहे हैं। अभी हाल की बात करें तो फूल सिंह बरैया कांग्रेस पार्टी के साथ कार्य कर रहे हैं। और वे इस बार कांग्रेस की तरफ से भिंड से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं
इस सीट का इतिहास -
भिंड लोकसभा सीट पर अब तक 13 बार चुनाव हुए हैं -
- 1980 व 1984 में यहां से कांग्रेस के कृष्णा सिंह ने जीत दर्ज की थी
- 1977 में बीएलडी के रघुबीर सिंह मछंड ने जीत दर्ज की थी
- 1971 बीजेएस के विजया राजे सिंधिया ने जीत दर्ज की थी
- 1989 से बीजेपी यहां से लगातार दर्ज कर रही है जीत
भिंड लोसकभा सीट पर तकरीबन 3 लाख क्षत्रिय, 3 लाख ब्राह्मण, डेढ़ लाख वैश्य और दलित वोटरों की संख्या तकरीबन साढ़े 3 लाख हैं आदिवासी, अल्पसंख्यक और अन्य वोटरों की संख्या तकरीबन 4 लाख 80 हजार के करीब है भिंड लोसकभा सीट पर तकरीबन 3 लाख क्षत्रिय, 3 लाख ब्राह्मण, डेढ़ लाख वैश्य और दलित वोटरों की संख्या तकरीबन साढ़े 3 लाख हैं आदिवासी, अल्पसंख्यक और अन्य वोटरों की संख्या तकरीबन 4 लाख 80 हजार के करीब है अभी तक कांग्रेस सिर्फ यहाँ दो बार ही जीत पाई है पहली बार इस सीट पर 1980 में और दुरसी बार 1984 में इसलिए भाजपा का गढ़ मणि जाती है भिंड लोकसभा सीट पिछले 35 सालों से भाजपा का यहाँ दबदबा बरक़रार है