Feb 21, 2023
जांजगीर : जांजगीर कोतवाली पुलिस ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के 72 लाख रूपये से अधिक राशि गबन के मामले में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी केएस तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। जांजगीर में डी. ई. ओ. के पद में रहते के.एस. तोमर ने बलौदा के मयूरा कान्वेंट स्कूल को पात्रता से अधिक की राशि फर्जी तरीके से स्वीकृत करवाकर गबन किया था। मामले में पुलिस में स्कूल संचालक के साथ जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के क्लर्क और कम्प्यूटर ऑपरेटर की पहले गिरफ्तार कर लिया है।
बताया जा रहा है की वित्तीय वर्ष 2019- 2020 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी कुंजल सिंह तोमर ने जिले के 172 निजी स्कूलों द्वारा प्रस्तुत मांग पत्र का पुष्टि कर मांग राशि 5 करोड़ 70 लाख 90 हजार 745 रूपए का भुगतान की जानकारी तैयार कर लोक शिक्षण संचानालय इंद्रावती भवन नया रायपुर को भेजा। जिसमे बलौदा के मयूरा कान्वेंट स्कूल का नाम शामिल था और जिला शिक्षा अधिकारी ने कम्प्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क और मयूरा कान्वेंट स्कूल के संचालक से सांठ गांठ कर 7 लाख रूपये के बजाय 72 लाख रूपये भुगतान करा दिया।
दस्तावेज में कांट छांट कर किया गया राशि गबन
इस मामला सामने आने पर कलेक्टर के आदेश पर वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी ने कोतवाली थाना में इस षड़यंत्र का रिपोर्ट दर्ज कराया , पुलिस ने विवेचना में पाया की मयूरा कान्वेन्ट स्कूल बलौदा के संचालक राजेन्द्र मौर्य के द्वारा प्रलोभन देकर तत्कालीन शिक्षा का अधिकार खण्ड प्रभारी क्लर्क शिवानंद राठौर, और विकास कुमार साहू, कम्प्यूटर ऑपरेटर के साथ डी. ई. ओ. की मिली भगत से शिक्षा के अधिकार की राशि की मांग पत्र तैयार की और मयूरा कान्वेन्ट स्कूल बलौदा के 2019-20 के मांग पत्रक में दर्ज राशि में कांट-छांट कर पात्रता से अधिक राशि 72 लाख 27 हजार 690 रूपये का मांग पत्र तैयार कर स्वीकृति हेतु कार्यालय संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, इंद्रावती भवन, नवा रायपुर को भेज दिया और मयूरा कान्वेन्ट स्कूल बलौदा के खाता में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राशि 72 लाख 27 हजार 690 रूपये का भुगतान किया गया । इस मामले में पुलिस ने धारा 467 ,468, 471,120 बी आईपीसी के तहत अपराध दर्ज किया ।
30 लाख रूपये के एस तोमर के अकाउंट में संचालक ने किया था ट्रांसफर
पुलिस ने आरोपी राजेन्द्र मौर्य, शिवानन्द राठौर एवं विकास कुमार साहू को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिस पर उन्होंने विभाग की जानकारी आने के बाद स्वीकृत राशि में से तीस लाख रूपये को आरोपी राजेन्द्र मौर्य के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर-चांपा के खाते में वापस किया गया। पंद्रह हजार रूपया मयूरा कान्वेन्ट स्कूल के नाम से संचालित खाता में जमा है और बाकि राशि खर्च होना पाया गया ।








