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अमित शाह का पचमढ़ी में ‘अनुशासन मंत्र’: सांसद-विधायकों को सख्त नसीहत और रणनीतिक मंथन

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Jun 15, 2025

अमित शाह का पचमढ़ी में ‘अनुशासन मंत्र’: सांसद-विधायकों को सख्त नसीहत और रणनीतिक मंथन

 

मध्य प्रदेश के पचमढ़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन-दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया। इस शिविर में सांसदों और विधायकों को अनुशासन, जनसंपर्क और संगठनात्मक जवाबदेही पर कड़े निर्देश दिए गए। शाह ने नेताओं को क्षेत्रीय प्रभावशाली लोगों से संवाद की ‘रिपोर्ट-कार्ड’ तैयार करने का होमवर्क दिया, साथ ही बंद कमरे में रणनीतिक चर्चा कर आगामी चुनावों की तैयारियों को गति दी।

:पचमढ़ी शिविर: संगठन और रणनीति का केंद्र14 से 16 जून तक चलने वाला यह प्रशिक्षण शिविर भाजपा के लिए आगामी विधानसभा उप-चुनाव और 2026 लोकसभा चुनाव की तैयारियों का महत्वपूर्ण मंच है। पहले दिन के सत्र में बूथ प्रबंधन, संगठन विस्तार और सोशल मीडिया अनुशासन पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिए गए। शिविर को पार्टी नेतृत्व ने ‘मास्टर-क्लास’ करार दिया, जिसमें जनप्रतिनिधियों को संगठनात्मक कौशल बढ़ाने पर जोर दिया गया।

अमित शाह का अनुशासन मंत्र:

व्यक्तिगत बयानों पर लगामअमित शाह ने अपने संबोधन में सांसदों और विधायकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत बयानों से उत्पन्न विवाद पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचाते हैं। शाह ने जनप्रतिनिधियों को 30 दिन के भीतर अपने क्षेत्र के 100 प्रभावशाली नागरिकों से संवाद कर उसकी रिपोर्ट राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपने का निर्देश दिया। यह कदम जनसंपर्क को मजबूत करने और स्थानीय स्तर पर पार्टी की पकड़ बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।

बंद कमरे में रणनीतिक मंथन:

 उप-चुनाव और धर्मांतरण पर फोकसउद्घाटन सत्र के बाद शाह ने मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और चुनिंदा मंत्रियों के साथ गुप्त बैठक की। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में विधानसभा सीटों के प्रदर्शन की समीक्षा, सोशल इंजीनियरिंग और धर्मांतरण-रोधी कानून की रणनीति पर चर्चा हुई। यह बैठक मीडिया से पूरी तरह गोपनीय रखी गई, जिससे पार्टी की रणनीतिक तैयारियों की संवेदनशीलता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

विजय शाह की मौजूदगी:

 विवाद के बाद संयमित रुखहाल ही में कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी के लिए चर्चा में रहे वन मंत्री विजय शाह भी शिविर में मौजूद थे। हमेशा मुखर रहने वाले शाह ने इस बार मीडिया से दूरी बनाए रखी और पूरे सत्र में संयमित रवैया अपनाया। उनकी मौजूदगी ने यह संदेश दिया कि पार्टी नेतृत्व विवादों के बावजूद संगठन में एकता बनाए रखने को प्राथमिकता दे रहा है।

Report By:
Monika