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कूनो में चीतों का कुनबा बढ़ा: भारत में जन्मी पहली चीता मुखी ने दिए 5 शावकों को जन्म

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Nov 20, 2025

कूनो में चीतों का कुनबा बढ़ा: भारत में जन्मी पहली चीता मुखी ने दिए 5 शावकों को जन्म

प्रशांत शर्मा श्योपुर : मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से बड़ी खुशखबरी आई है। भारत में जन्मी पहली मादा चीता ‘मुखी’ ने पांच स्वस्थ शावकों को जन्म देकर इतिहास रच दिया। 33 महीने की मुखी स्वयं ज्वाला के उस पहले लिटर की इकलौती संतान है जो भारत की धरती पर जन्म लेकर जीवित बची थी। मां और सभी शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। यह प्रोजेक्ट चीता के लिए अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है।

भारत की धरती पर नया इतिहास

मुखी का जन्म मार्च 2023 में हुआ था। भीषण गर्मी में उसके तीन भाई-बहन नहीं बच पाए थे, लेकिन मुखी ने भारतीय परिस्थितियों में जीवित रहकर सबको आश्चर्यचकित किया था। अब मात्र 33 महीने की उम्र में मां बनकर उसने साबित कर दिया कि भारत में जन्मे चीते यहां पूरी तरह अनुकूलित हो सकते हैं।

प्रोजेक्ट चीता को मिली मजबूती

यह पहला मौका है जब भारत में जन्मी किसी चीता ने संतान पैदा की हो। इससे चीतों की नई पीढ़ी पूरी तरह भारतीय परिस्थितियों में पले-बढ़ेगी और जेनेटिक विविधता बढ़ेगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह आत्मनिर्भर चीता आबादी की दिशा में निर्णायक कदम है।

नेताओं ने दी बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर खुशी जाहिर की। दोनों नेताओं ने इसे प्रोजेक्ट चीता की ऐतिहासिक सफलता बताया और कहा कि भारत में चीतों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है।

कूनो अब चीतों का सुरक्षित घर

नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों ने कूनो में अच्छी तरह अनुकूलन दिखाया है। अब भारत में जन्मी दूसरी पीढ़ी भी यहां पैदा हो रही है। पार्क में चीतों की संख्या अब तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

भविष्य की नई उम्मीद

मुखी के पांच शावकों ने भारत को दुनिया का एकमात्र देश बना दिया है जहां विलुप्त हो चुके चीतों की दो पीढ़ियां सफलतापूर्वक प्रजनन कर रही हैं। यह कंजर्वेशन के क्षेत्र में भारत की वैश्विक पहचान को और मजबूत करेगा।

Report By:
Monika