Jul 26, 2022
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की साख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा मिल चुका है। यह झील माधव नेशनल पार्क में स्थित है। इन्वायर्नमेंटल प्लानिंग एंड को-ऑर्डिनेशन ऑर्गेनाइजेशन एप्को ने इसकी पुष्टि कर दी है। मध्यप्रदेश से रामसर साइट के लिए तीन नामों को प्रस्तावित किया गया था। इनमें इंदौर का यशवंत सागर और सिरपुर सागर तालाब शामिल था। एप्को की टीम पिछले साल अक्टूबर में नेशनल पार्क आई थी। एप्को के वैज्ञानिकों के निरीक्षण के बाद जब प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया तो इस पर लगातर क्वेरी आईं, जिनमें माधव नेशनल पार्क की टीम प्रदेश की अन्य साइट से आगे निकल गई।
रामसर साइट क्या होती है?
रामसर साइट एक आद्रभुमि स्थल है। जिसे रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व के लिए नामित किया गया है जिसे "द कन्वेंशन ऑन वेटलैंड्स" के रूप में भी जाना जाता है। यूनेस्को द्वारा 1971 में स्थापित एक अंतर सरकारी पर्यावरण संधि, जो 1975 में लागू हुई थी। रामसर अंतरराष्ट्रीय महत्व के वेटलेंड्स की पहचान करता है, विशेष रूप से जलपक्षी आवास प्रदान करने वाले। पूरे विश्व में रामसर साइट्स की संख्या 7 हजार है,भारत में इसकी 54 साइट्स है।
भोजताल है पहली साइट
मप्र में सिर्फ भोपाल का भोजताल इस सूची में पहले शामिल था। बायोडायवर्सिटी के कारण भोज वेटलैंड को 2002 में रामसार साइट का दर्जा मिला था। 2005 की सेप्ट रिपोर्ट के अनुसार यहां जलीय जीव, जंतु और पौधों आदि को गिना जाए तो उनकी संख्या 805 होती है। अब इस लिस्ट में साख्य सागर झील का नाम भी शामिल हो गया है।
विदेशी सैलानियों को करेगा आकर्षित
माधव नेशनल पार्क को रामसर साइट का दर्जा मिलने के बाद यहां टूरिज्म बढ़ेगा। इसके लिए प्रबंधन पार्क में स्टे की सुविधाओं को बेहतर करने के साथ मनोरंजन और आकर्षण के अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है। जल्द ही नेशनल पार्क में नाइट स्टे के लिए कैंपिंग की सुविधा शुरू करने पर काम किया जा रहा है। इसके तहत यहां पर सेमी लग्जरी टेंट लगाए जाएंगे, जिसमें सैलानी रात गुजार सकेंगे। पिछले एक दशक में यहां पर विदेशी सैलानियों की संख्या अन्य राष्ट्रीय उद्यानों की तुलना में काफी कम रही है, लेकिन रामसर वेटलैंड बनने और टाइगर आने के बाद इसमें इजाफा होगा जिसका लाभ पूरे शहर को मिलेगा।








