Aug 28, 2025
मध्य प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण: सीएम मोहन यादव की सर्वदलीय बैठक में संकल्प पारित
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए 28 अगस्त 2025 को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में सभी दलों ने एकमत होकर 27% आरक्षण का समर्थन किया और संकल्प पारित किया। सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 22 सितंबर से होने वाली सुनवाई में एकजुट रणनीति अपनाई जाएगी, ताकि अभ्यर्थियों को जल्द लाभ मिले और कोई नौकरी से वंचित न रहे।
सर्वदलीय बैठक और संकल्प
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सर्वदलीय बैठक में बीजेपी, कांग्रेस, आप, सपा, बसपा, सीपीआई और अन्य दलों ने हिस्सा लिया। सभी दलों ने 27% ओबीसी आरक्षण के पक्ष में संकल्प पारित किया। सीएम मोहन यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में सभी वकीलों को एकजुट होकर रणनीति बनानी होगी। उन्होंने जोर दिया कि 10 सितंबर तक वकील इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
आरक्षण का इतिहास और चुनौतियां
मार्च 2019 में कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे 50% की सीमा से अधिक होने के कारण स्थगित कर दिया। 2020 में जबलपुर हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रियाओं पर रोक लगाई। वर्तमान में 13% आरक्षण का मुद्दा लंबित है, जिसके कारण कई भर्तियां रुकी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट में 22 सितंबर 2025 से इसकी दैनिक सुनवाई शुरू होगी।
सरकार के प्रयास और उम्मीदें
मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट की याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में समेकित कराया है। 87:13 फॉर्मूले के तहत 87% पदों पर भर्ती शुरू की गई, जबकि 13% पद लंबित हैं। सीएम ने कहा कि सरकार का लक्ष्य सभी अभ्यर्थियों को अवसर देना है, ताकि उम्र सीमा के कारण कोई बाहर न हो। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग भी इस दिशा में सक्रिय है।