Jul 29, 2025
मध्यप्रदेश में बाघों की दहाड़ और तेज, विदेशी पर्यटकों की संख्या में इजाफा
मध्यप्रदेश ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर टाइगर राज्य का दर्जा मजबूत किया है। 2022 की बाघ गणना में प्रदेश में 785 बाघ दर्ज किए गए, जो देश में सर्वाधिक है। बाघों के संरक्षण और राष्ट्रीय उद्यानों के बेहतर प्रबंधन से मध्यप्रदेश वन्यजीव पर्यटन का केंद्र बन गया है। टाइगर रिजर्व में विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
बाघों की संख्या में वृद्धि
मध्यप्रदेश के नौ टाइगर रिजर्व, जैसे कान्हा, बांधवगढ़, पेंच और सतपुड़ा, बाघों के संरक्षण में अग्रणी हैं। 2022 में भारत में 3682 बाघों में से 785 मध्यप्रदेश में हैं। कोर क्षेत्रों से गांवों का विस्थापन और घास के मैदानों का विकास कर शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या बढ़ाई गई, जिससे बाघों को भोजन मिला। बांधवगढ़ में सर्वाधिक बाघ हैं, जबकि कान्हा को बाघों का सर्वश्रेष्ठ आवास माना गया है।
राष्ट्रीय उद्यानों का उत्कृष्ट प्रबंधन
मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व ने प्रबंधन में शीर्ष स्थान हासिल किया है। पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रैंक प्राप्त की, जबकि सतपुड़ा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया। चीतलों का स्थानांतरण, जल संसाधन विकास और आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन व एम-स्ट्राइप्स ऐप का उपयोग बाघ संरक्षण में सहायक है।
विदेशी पर्यटकों का आकर्षण
प्रदेश के टाइगर रिजर्व में 2024-25 में बांधवगढ़ में 32,528, कान्हा में 23,059 और पन्ना में 15,201 विदेशी पर्यटक आए। पांच वर्षों में 8.24 लाख पर्यटकों ने टाइगर रिजर्व का दौरा किया, जिससे 61.22 करोड़ की आय हुई। यह वन्यजीव पर्यटन में मध्यप्रदेश की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।