Loading...
अभी-अभी:

निगम के विपक्ष ने की नगर निगम परिषद को भंग करने की मांग

image

Feb 2, 2018

ग्वालियर। हाल ही में ग्वालियर में स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर विवाद इतना बढ़ गया है, कि अब निगम के विपक्ष ने नगर निगम परिषद को भंग करने तक की मांग सरकार और जिले के कलेक्टर तक से कर डाली है। विपक्ष का कहना है कि सरकार के 2 करोड रुपए सालाना निगम परिषद की बैठक पर खर्च होते हैं। बावजूद इसके इसका कोई औचित्य अब शहर के विकास में नहीं है। क्योंकि स्मार्ट सिटी के तहत कई सारे विकास कार्य ग्वालियर शहर में किए जा रहे हैं। लेकिन हैरत की बात यह है कि उन कामों में नगर निगम परिषद के मेयर और पार्षद का कोई वास्ता नही है। जबकि स्मार्ट सिटी के अधिकारी मनमानी तरीके से शहर में कहीं पर भी विकास की इबारत लिखने की फाइलें पास कर दे रहे हैं। जिसका जमीनी रूप से कोई वास्ता नहीं है। बहरहाल आनन-फानन में ग्वालियर के मेयर विवेक शेजवलकर ने नगर निगम परिषद की बैठक आज दोपहर 4:00 बजे बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर जमकर हंगामा होगा। साथ ही पानी का मुद्दा भी गरमा सकता है। क्योंकि अमृत योजना के तहत ग्वालियर में 43 पानीटंकियां बनाई जा रही है। जबकि पहले से मौजूद 56 पानी की टंकियों में नगर निगम पानी नही भर रहा है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षद दोनों इस मामले में नगर निगम और स्मार्ट सिटी के आधिकारियों को घेर सकते है। शहर के विकास में अब महापौर और पार्षद का काम खत्म हो गया है। और ऐसे में निगम परिषद को भंग कर देना चाहिए। जिससे परिषद की बैठक पर सालाना खर्च होने वाले 2 करोड़ रूपए बचेंगे। बैठक में गर्मा सकते है ये मुद्दे .... • स्मार्ट सिटी के आधिकारियों के द्वारा मनमाने तरीके से काम करने का मामला। • अमृत योजना में पुराने कामों पर दोबारा से नई योजना में करोड़ों रूपए खर्च करना। • चंबल से पानी लाने का मुद्दा। • 43 नई पानी की टंकिया बनाने का मामला। • फसाड़ लाइट पर 15 करोड़ रूपए खर्च करने का मामला