Jul 22, 2025
मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में ट्विस्ट, छत्तीसगढ़ मॉडल की मांग
मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में एक नए मोड़ पर पहुंचा है। छह साल बाद राज्य सरकार ने यू-टर्न लेते हुए OBC अभ्यर्थियों की याचिका का समर्थन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 13% होल्ड पदों पर नियुक्तियों की बाधाओं पर शपथपत्र मांगकर मामले को गंभीरता से लिया है। अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी, जिसमें हजारों उम्मीदवारों को राहत मिलने की उम्मीद है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और सरकार का यू-टर्न
मध्य प्रदेश में 27% OBC आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सरकार ने पहली बार OBC अभ्यर्थियों का पक्ष लेते हुए छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर 27% आरक्षण लागू करने की मांग की। अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने कोर्ट में तर्क दिया कि होल्ड किए गए 13% पदों के कारण भर्तियां रुकी हुई हैं, जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है।
छत्तीसगढ़ मॉडल की वकालत
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार 27% OBC आरक्षण के तहत भर्तियां शुरू करना चाहती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में लागू बढ़े हुए आरक्षण मॉडल का हवाला दिया, जहां समान व्यवस्था को मंजूरी मिल चुकी है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि 13% होल्ड पदों पर नियुक्तियों में क्या अड़चनें हैं और दो हफ्ते में जवाब मांगा।
आगे की राह और उम्मीदें
सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई में इस मामले पर अंतिम फैसला होने की संभावना है। OBC अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि 27% आरक्षण लागू होने से रुकी भर्तियों का रास्ता साफ होगा। यह फैसला न केवल मध्य प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों में भी OBC आरक्षण नीतियों को प्रभावित कर सकता है।