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उत्तराखंड में अब नकल करने वालों को मिल सकती है 10 साल तक की सजा, सरकार कर रही प्रस्ताव पर विचार

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Sep 1, 2022

उत्तराखंड में बीते कई दिनों से सरकारी पदों पर होने वाली परीक्षाओं को लेकर बवाल मचा हुआ है। इसी को लेकर अब प्रदेश की सरकार सरकारी पदों पर होने वाली भर्ती के लिए सख्त कानून बनाने की तैयारी में है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार नकल करने वालों को 10 साल तक की सजा और 10 करोड़ जुर्माना देने के लिए बाध्य कर सकती है। इस संबंध में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिसका कार्मिक विभाग अध्ययन कर रहा है।

ट्रान्सपेरेन्सी को लेकर उठ रहे सवाल
UKSSSC पेपर लीक की खबर आने के बाद से ही लोग परीक्षाओं के ट्रान्सपेरेन्सी को लेकर सवाल उठा रहे है। युवाओं का कहना है कि कुछ लोगों की वजह से उन्हें सफर करना पड़ रहा है। भर्ती परीक्षाओं को पारदर्शी बनाने और इनमें नकल रोकने के लिए परीक्षा आयोग ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में नकल रोकने के लिए जितने कानून बने हैं, उनमें अपराध करने वाले आसानी से छूट जाते हैं। इस कारण भर्ती परीक्षाओं में नकल पर रोक नहीं लग पा रही है। सरकार को इसके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

आयोग ने कानून के लिए दिया सुझाव
आयोग ने मुश्किलों को आसान बनाने और ठोस कानून बनाने के लिए सरकार को कुछ सुझाव दिए है।  
1. यदि कोई अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में पर्ची, मोबाइल या किसी अन्य माध्यमों से नकल करता पकड़ा जाता है तो ऐसे मामलों में पांच साल की सजा और एक लाख तक का जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है।
2. भर्ती परीक्षा में यदि संगठित गिरोह के जरिये नकल कराने के प्रकरण सामने आते हैं तो ऐसे मामलों में 10 साल की सजा और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूला जा सकता है।
3. इसके साथ ही आरोपियों की संपत्ति जब्त भी किया जा सकता है।


केंद्र सरकार की है मामले पर पूरी नजर
वहीं उत्तराखंड की चौथी विधानसभा के कार्यकाल में विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी होने की जिम्मेदारी भाजपा के केंद्रीय सरकार ने ली है। सरकार का कहना है कि इस पूरे मामले में संज्ञान लिया जा रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम की मानें तो इस बारे में पूरी जानकारी ली जा रही है।
उधर, माना जा रहा है कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल दो सितंबर को दिल्ली में होने वाली मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के बाद पार्टी के केंद्रीय नेताओं को पूरे मामले की जानकारी दे सकते हैं।