Apr 20, 2020
नई दिल्लीः देश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए 3 मई तक लॉकडाउन लागू है। मिल-फैक्ट्रियां सब बंद हैं, ऐसे में रोज कमाकर खाने वालों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है। इस संकट में कुछ लोग सब्जी का बिजनेस करने लगे है। आवश्यक वस्तुओं में शामिल सब्जी भी उस सूची में शामिल है, जो लॉकडाउन से अप्रभावित हैं। ऐसे दिहाड़ी मजदूरों ने सब्जी के ठेले लिए और व्यापार शुरू भी कर दिया, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। दिल्ली की कई कॉलोनियों में सब्जी बेचने वालों से आधारकार्ड मांगा जा रहा है। उनका नाम पूछा जा रहा है। आरडब्ल्यूए से जुड़े लोग आधार चेक करते हैं, इसके बाद ही इन्हें कॉलोनियों में जाने दिया जाता है।
एमसीडी को सब्जी विक्रेताओं की करानी चाहिए जांच
इस संबंध में पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर आरडब्ल्यूए अध्यक्ष वीएस वोहरा ने सांप्रदायिकता की भावना को वजह मानने से इनकार करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले कुछ वीडियो वायरल हुए। आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने कहा कि यह एमसीडी को देखना चाहिए कि जो लोग सब्जियां लेकर बेचने आ रहे हैं, उनसे किसी तरह का खतरा तो नहीं। वे कहां से आ रहे हैं। लोग डर की वजह बताते हुए कह रहे हैं कि कहीं सब्जी विक्रेता हॉटस्पॉट एरिया से न आ आ रहा हो। बता दें कि कुछ समय पहले दिल्ली का ही एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सब्जी विक्रेताओं का धर्म पूछकर उन्हे कॉलोनी में एंट्री दी जा रही थी। तब पुलिस ने इस सिलसिले में मामला भी दर्ज किया था। बता दें कि दिल्ली में कोरोना पीड़ितों की तादाद और हॉटस्पॉट की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।