Apr 16, 2023
पुलिस सुरक्षा में मौजूद अतीक अहमद पत्रकारों से बात कर रहा था , जब प्रयागराज में उसे सर पर गोली मार दी। शनिवार की रात को गोली चलने के बाद पुलिस ने गोली चलाने वालों को हिरासत में ले लिया। अतीक अहमद के बेटे को पुलिस ने कुछ दिन पहले गोली मार दी थी। अतीक अहमद के खिलाफ पिछले दो दशकों में अपहरण, हत्या और जबरन वसूली सहित दर्जनों मामले दर्ज हैं। एक स्थानीय अदालत ने उसे और दो अन्य को इस साल मार्च में अपहरण के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अहमद ने पहले दावा किया था कि पुलिस से उसे अपनी जान का खतरा है। वीडियो में दिखाया गया है कि अहमद और उसका भाई, अशरफ, दोनों को हाथ में हथकड़ी के साथ एक अस्पताल में मेडिकल चेक-अप के लिए लाया गया था। सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर व्यापक रूप से साझा किए गए फुटेज में अहमद से पूछा गया है कि क्या वह अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ ?
कैमरे के सामने अतीक ने कहा "वे हमें नहीं ले गए, इसलिए हम नहीं गए।" पुलिस ने कहा कि तीन संदिग्ध हमलावर मोटरसाइकिल पर घटनास्थल पर पहुंचे थे। घटनास्थल पर एक पुलिसकर्मी और एक पत्रकार भी घायल हो गए। शनिवार रात की घटना के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हत्याओं की न्यायिक जांच का आदेश दिया और शांति सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य के जिलों में बड़ी सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया।
कौन था अतीक अहमद
राजनीति और आपराधिक दुनिया दोनों में उसका लंबा कार्यकाल रहा। वो पहली बार 1979 में एक हत्या के मामले में आरोपी बना था। अगले 10 सालों में, वो एक ऐसे व्यक्ति के रूप में उभरा, जिसका इलाहाबाद शहर के पश्चिमी हिस्से में मजबूत प्रभाव था। उसने अपना पहला चुनाव एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीता और 1989 में विधायक बना ।उसने लगातार दो बार सीट जीती और उसकी चौथी जीत समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक के रूप में हुई। 2004 में, सपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव में एक सीट जीती और सांसद बना । इस बीच, उसके खिलाफ इलाहाबाद और राज्य के अन्य हिस्सों में मुकदमे दर्ज होते रहे। अहमद ने अगले दशक में कुछ और चुनाव लड़े लेकिन वो सभी हार गया । 2019 में, भारत की शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि उसे गुजरात राज्य की एक जेल में ले जाया जाना चाहिए, क्योंकि यह सामने आया कि उसने उत्तर प्रदेश की एक जेल से एक व्यवसायी पर हमले की योजना बनाई थी, जहाँ उसे एक अन्य मामले में मुकदमे की प्रतीक्षा में रखा जा रहा था। उसे मार्च में गुजरात से एक स्थानीय अदालत में पेश होने के लिए प्रयागराज वापस लाया गया था क्योंकि अपहरण के एक मामले में उसकी सजा की घोषणा की थी। अहमद को अन्य मामलों में पूछताछ के लिए भी शहर लाया गया था। बरेली जिले की जेल में बंद उसके भाई अशरफ को भी पूछताछ के लिए शहर लाया गया था। इन दोनों को ही शनिवार रात को पुलिस सुरक्षा के बीच में हमलावरों से गोलियों से मार दिया।








