Nov 18, 2025
दिल्ली धमाके पर अमित शाह की सख्त चेतावनी: दोषियों को पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर 2025 को हुए बम धमाके के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि दोषियों को पाताल से भी ढूंढ निकाला जाएगा और उन्हें कानून के सबसे सख्त दंड का सामना करना पड़ेगा। यह बयान सोमवार (18 नवंबर 2025) को फरीदाबाद में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (NZC) की 32वीं बैठक के दौरान दिया गया। शाह ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना सरकार की सामूहिक प्रतिबद्धता है।
घटना का संक्षिप्त विवरण
कब और कहां हुआ धमाका? 10 नवंबर 2025 की शाम करीब 6:52 बजे दिल्ली के लाल किले (लाल किला) मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक ह्युंडई i20 कार में जबरदस्त विस्फोट हुआ। यह ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी कार में हुआ, जिससे आसपास की 3-4 गाड़ियां आग की लपटों में घिर गईं।
हानि: इस हमले में कम से कम 13-15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20-32 लोग घायल हुए। कई शव क्षत-विक्षत हो गए, जिससे शिनाख्त में देरी हुई। घायलों को LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई गई।
सरकारी प्रतिक्रिया: केंद्र सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर 'जघन्य आतंकवादी हमला' घोषित किया। मामला NIA को सौंपा गया, और UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां निषेध अधिनियम) के तहत FIR दर्ज की गई। लाल किला मेट्रो स्टेशन को सुरक्षा कारणों से बंद रखा गया।
अमित शाह का बयान: वैश्विक संदेश देने वाली सजा
शाह ने बैठक में कहा, "मोदी सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड के अनुरूप, दिल्ली बम विस्फोट के दोषियों को पाताल से भी ढूंढ निकाला जाएगा। उन्हें देश के न्यायिक तंत्र के सामने लाया जाएगा और सबसे सख्त सजा दी जाएगी।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस घटना के अपराधियों को मिलने वाली सजा दुनिया को स्पष्ट संदेश देगी कि भारत में ऐसी घटनाओं के बारे में सोचने की भी किसी को हिम्मत नहीं करनी चाहिए। यह बयान आतंकवाद के खिलाफ भारत की 'जीरो टॉलरेंस' नीति को रेखांकित करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी भूटान दौरे के दौरान इसकी निंदा की और कहा, "षड्यंत्रकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी जिम्मेदारों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।" राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी गृहमंत्री द्वारा स्थिति की जानकारी दी गई।
NIA की कार्रवाई: प्रमुख साजिशकर्ता गिरफ्तार
जांच में तेजी लाते हुए NIA ने सोमवार को एक प्रमुख 'सक्रिय सह-साजिशकर्ता' जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया। वानी कश्मीर के अनंतनाग जिले के क्वाजिगुंड का निवासी है और श्रीनगर से हिरासत में लिया गया। जांच एजेंसियों के अनुसार:
वानी ने धमाके के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की, जिसमें ड्रोन को संशोधित करना और रॉकेट बनाने के प्रयास शामिल हैं।
वह आतंकी डॉ. उमर नबी भट (मुख्य संदिग्ध) का करीबी सहयोगी था, जो धमाके वाली कार चला रहा था।
यह गिरफ्तारी NIA की दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले अमीर राशिद अली (पंपोर, जम्मू-कश्मीर) को हिरासत में लिया गया, जिसकी कार का रजिस्ट्रेशन धमाके वाली गाड़ी से जुड़ा पाया गया।
अन्य गिरफ्तारियां: डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (पुलवामा) और डॉ. अदील माजिद राथर (क्वाजिगुंड), जो जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़े बताए जा रहे हैं।
NIA की जांच से पता चला है कि यह एक 'व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल' का हिस्सा था, जिसमें शिक्षित पेशेवर (जैसे डॉक्टर) शामिल थे। संदिग्धों ने फरीदाबाद, नूह और दिल्ली में CCTV फुटेज के जरिए मूवमेंट ट्रैक किया गया। एक बड़ा खुलासा यह भी है कि दिसंबर 6 को 'D-6' कोड नाम से मल्टी-सिटी हमला (हामास स्टाइल) प्लान किया जा रहा था, जिसमें मंदिरों और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन, रॉकेट और IED से हमला शामिल था। NIA ने इसे विफल कर दिया।







