Sep 25, 2021
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ पुनरुत्थान की दिशा में आगे बढ़ रही है। यह सवाल किए जाने पर कि क्या पेट्रोल और डीजल को GST के तहत लाया जाएगा, सीतारमण ने कहा कि GST लागू होने के वक़्त केंद्र और राज्य सरकारों ने पेट्रोल और डीजल को इसमें शामिल किया था। सीतारमण ने कहा कि, ‘GST कानून में एक प्रावधान है, जिससे पेट्रोल और डीजल GST में शामिल हो सकते हैं।’
जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक
सीतारमण ने आगे कहा कि, ‘जब GST कॉउंसिल फैसला करेगी कि इसे एक निश्चित दर पर लाया जाए और दर के निर्धारण के बाद इसे भी शामिल कर लिया जाएगा। पेट्रोल और डीजल को शामिल करने के लिए GST कानून में कोई नया बदलाव नहीं करना होगा। किन्तु परिषद को तय करना है कि इसे कब और किस दर पर लाना है।” बीते हफ्ते जीएसटी काउंसिल की 45वीं मीटिंग हुई थी। इस बैठक में फिलहाल पेट्रोल-डीजल को इसके दायरे से बाहर रखने का निर्णय लिया गया।
GST के दायरे के बाद कीमत में आएगी कमी
बताया जाता है कि यदि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जाता है, तो इसकी कीमत में भारी कटौती हो जाएगी। यदि GST के दायरे में पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को लाया गया, तो पूरे देश में पेट्रोल के भाव 75 रुपए और डीजल के भाव 68 रुपए प्रति लीटर तक गिर जाएंगे। हालांकि, पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को GST के दायरे में लाए जाने से केंद्र और राज्यों को राजस्व में GDP के महज 0.4 फीसदी के बराबर लगभग 1 लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी।