Aug 8, 2024
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम में वीगन बनने के पीछे का कारण साझा किया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'मैं अपनी बेटी के कहने पर शाकाहारी बन गया हूं और अब मैं और मेरी पत्नी रेशम या चमड़े से बनी चीजें भी नहीं खरीदते हैं.'
डेयरी उत्पाद और शहद भी त्याग दिया
चीफ जस्टिस ने कहा, 'मेरी दो बेटियां हैं, प्रियंका और माही, जो विकलांग हैं. वह मेरे हर काम में मुझे प्रेरित करती रहती है. मैं हाल ही में शाकाहारी बन गया हूं. क्योंकि मेरी बेटी ने कहा कि हमें क्रूरता मुक्त जीवन जीना चाहिए. मैं सबसे पहले शाकाहारी बना, डेयरी उत्पाद और शहद छोड़कर पूरी तरह से शाकाहारी भोजन अपनाया. हालाँकि, मेरी बेटियों ने मुझे बताया कि यह पर्याप्त नहीं था. यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि आपने ऐसा कुछ नहीं पहना है जो क्रूरता से तैयार किया गया हो.'
2015 में बेटियों को गोद लिया
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 2015 में दो बेटियों को गोद लिया था जब वह इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे. चीफ जस्टिस की दोनो बेटियां स्पेशल चाइल्ड है. इसके अलावा, उत्तराखंड के जिस गाँव में ये दोनों लड़कियाँ थीं, वहाँ कोई अच्छा स्कूल नहीं था और उन्होंने उनकी शिक्षा की व्यवस्था अपने घर इलाहाबाद में की थी. बाद में जब वह दिल्ली आ गए तब उन्होंने स्कूल में उनका दाखिला करवाया.
वीगन आहार क्या है?
वीगन आहार में मांस और अंडे के साथ दूध, दही, घी, मावा, पनीर जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं किया जाता है. इस आहार में केवल अनाज, सब्जियां, फल, दालें और सूखे मेवे ही खाये जा सकते हैं. इसके अलावा पनीर, मक्खन, दूध, दही, शहद जैसी चीजें भी इस डाइट का पार्ट नही है.