Oct 27, 2024
मोदी सरकार आगामी संसद के शीतकालीन सत्र में जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा पुनः बहाल करने की तैयारी कर रही है.
Jammu-Kashmir Statehood Restoration: नवगठित उमर अब्दुल्ला सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में 'राज्य का दर्जा को बहाल' करने का प्रस्ताव पास किया गया, जिसे उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पास भेजा गया था. उपराज्यपाल सिन्हा ने इसे मंजूरी दी और 19 अक्टूबर को इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया था.
मोदी सरकार हाल ही में विधानसभा चुनावों के बाद जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा पुनः बहाल करने की योजना बना रही है, जबकि लद्दाख एक यूनियन टेरिटरी बना रहेगा. इस पुनर्स्थापन से संबंधित प्रस्ताव संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने की उम्मीद है, जो नवंबर के आखरी सप्ताह में निर्धारित है.
यह पहल हाल ही में नए चुने गए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद आई है, जहां उन्होंने जम्मू और कश्मीर के लिए स्टेटहुड की बहाली की मांग की थी. चर्चा के बाद, दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि जम्मू और कश्मीर को इस साल के आखिर तक स्टेटहुड दोबारा मिल जाएगा.
2019 में, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त कर जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. उस वक्त, सरकार ने स्थिति सामान्य होने पर जम्मू और कश्मीर को स्टेटहुड बहाल करने का वादा किया था, जिसे हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने दोहराया भी था.
मोदी सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर सकती है