Jun 30, 2025
भारत का एयरस्पेस बनेगा अभेद्य: 52 निगरानी उपग्रहों से चौबीसों घंटे नजर
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत अपने एयरस्पेस को और मजबूत करने जा रहा है। अगले 3-4 साल में 52 निगरानी उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात होंगे, जो चीन, पाकिस्तान और हिंद महासागर क्षेत्र की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। इसरो और निजी कंपनियों की साझेदारी से यह महत्वाकांक्षी परियोजना राष्ट्रीय सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।पैराग्राफ:
ऑपरेशन सिंदूर की गूंज:
ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और सिग्नल जैमिंग के दम पर दुश्मन को घुटनों पर ला दिया था। 22 मिनट तक पाकिस्तान के रक्षा तंत्र को ठप कर भारतीय वायुसेना ने आतंकी ठिकानों पर सटीक प्रहार किए। इस सफलता में सैन्य उपग्रहों की भूमिका अहम थी, जिसने भारत को रणनीतिक बढ़त दी। अब इस ताकत को और बढ़ाने के लिए सरकार ने 26,968 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।
52 उपग्रहों की ताकत:
इस परियोजना के तहत 52 निगरानी उपग्रह लॉन्च किए जाएंगे, जिनमें 21 इसरो और 31 निजी कंपनियां तैयार करेंगी। ये उपग्रह निम्न और भू-स्थिर कक्षा में तैनात होंगे, जो दिन-रात, हर मौसम में दुश्मन की गतिविधियों की उच्च-रिजॉल्यूशन तस्वीरें प्रदान करेंगे। ये थलसेना, नौसेना और वायुसेना को रणनीतिक निर्णय लेने में मदद करेंगे।
छद्म उपग्रहों का दम:
भारतीय वायुसेना तीन हाई-एल्टीट्यूड स्यूडो सैटेलाइट्स (HAPS) भी हासिल करने की योजना बना रही है। ये सौर ऊर्जा से संचालित ड्रोन 18-22 किमी ऊंचाई पर उड़कर निगरानी, संचार और आपदा प्रबंधन में सहायता करेंगे। ये पारंपरिक उपग्रहों से सस्ते और लचीले हैं।