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उत्तराखंड के कई जिलों में सूखे के आसार, कम बारिश ने बढ़ाई लोगों की चिंता

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Sep 6, 2022

भारत के कई राज्यों में इस साल भारी बारिश के अलर्ट जारी किए गए। इसके बावजूद उत्तराखंड में कई जिले ऐसे है जहां सूखे की स्थिति बनी हुई है। हालात ये हैं कि राज्य के सिर्फ 2 जिलों में ही सामान्य से अधिक बारिश हो पाई है। बरसात के मौसम में कम पानी बरसने से कई तरह के नुकसान की आशंका जताई जा रही है।

2020 के बाद से शुरू कम बारिश का सिलसिला
पिछले कुछ सालों के मुकाबले इस बार पहाड़ी राज्य में बारिश काफी कम हुई है। 2018 के मुकाबले इस बार एक तिहाई पानी भी नहीं बरसा। बीते 5 सालों में उत्तराखंड में 18 से 45 फीसदी कम बारिश हुई है। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. जेके बिष्ट का कहना है कि पिछले 6 सालों में बारिश इस साल सबसे कम हुई है। साल 2020 से मॉनसून सीजन में कम बारिश का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वो इस बार भी बरकरार रहा।

2018 में 305 एमएम हुई थी बारिश
राज्य में भारी बारिश और मौसम की बेरुखी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के 13 जिलों में से केवल दो जिलों में ही औसत से ज्यादा बारिश देखने को मिली। बाकी बचे 11 जिलों में सूखे के आसार बने हुए है। आकड़ों की बात करें तो साल 2018 में 305 एमएम बारिश हुई थी, वहीं इस बार सिर्फ 108 एमएम बारिश अगस्त तक दर्ज की गई। इन आंकड़ों से एक तरफ खेती को भारी नुकसान की आशंका है, तो वहीं कास्तकारों के हाथ भी निराशा लग रही है।

कम बारिश से हो सकती है पानी की किल्लत
जीबी पंत पर्यावरण एवं विकास संस्थान के सीनियर साइंटिस्ट किरीट कुमार की मानें तो जिन इलाकों में बारिश हुई है, वहां भी कुछ खास हिस्सों में ही ज्यादा बारिश दर्ज हुई है। अधिकांश इलाकों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। मौसम की बेरुखी के बाद अब सभी को जाड़ों की बारिश का इंतजार है। ऐसे में अगर जाड़ों की बारिश ने भी धोखा दिया, तो तय माना जा रहा है कि खेती और बागवानी के साथ ही पानी के संकट से भी लोगों को जूझना पड़ सकता है।