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Joshimath: 723 प्रभावित परिवारों को दिया जाएगा डेढ़ लाख का मुआवजा, नहीं तोड़े जाएंगे भवन

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Jan 11, 2023

बद्रीनाथ का प्रवेश द्वार हेमकुंड साहिब कहे जाने वाले आदि शंकराचार्य की तपस्या स्थली जोशीमठ की धरती लगातार धंस रही है। अब तक दरारों वाले भवनों की संख्या 723 हो चुकी है। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल झंडी दिखा दी गई है। इन भवनों को गिराने की प्रक्रिया आज से शुरू हो जाएगी।

चार सदस्यीय टीम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगी

एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) उत्तराखंड की चार सदस्यीय टीम भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ का अध्ययन करने जाएगी। टीम जोशीमठ में भूस्खलन के कारणों का पता लगाएगी और उन्हें हल करने के तरीके खोजेगी।

सरकार के निर्देश पर विभिन्न संस्थाओं की टीम जोशीमठ में सर्वे कर रही है। वहीं, एनआईटी उत्तराखंड अपने स्तर पर चार इंजीनियरों को जोशीमठ भेज रहा है। टीम बुधवार को जोशीमठ के लिए रवाना होगी। टीम का नेतृत्व सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ। क्रांति जैन कर रहे हैं। साथ ही ट्रांसपोर्टेशन इंजीनियरिंग के डॉ। आदित्य कुमार अनुपम और डॉ। जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग। विकास प्रताप सिंह और डॉ। तो शशांक बत्रा हैं।

723 परिवारों को डेढ़ लाख का मुआवजा

723 प्रभावित परिवारों को 1।5 लाख मुआवजा दिया जाएगा। यह प्रत्येक परिवार को अंतरिम सहायता के रूप में दी जाएगी। इसके अलावा सिर्फ दो होटलों को तोड़ा जाएगा। किसी और के घर को इस तरह नहीं तोड़ा जाएगा। प्रशासन के साथ बैठक चल रही है।

कैबिनेट सचिव समीक्षा करते हैं, निर्देश जारी करते हैं

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने जोशीमठ में भूस्खलन और अब तक की स्थिति की समीक्षा की। राष्ट्रीय आपात प्रबंधन समिति (एनएमसी) की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने मुख्य सचिव डॉ। एसएस संधू से चल रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने लोगों को जल्द से जल्द प्रभावित स्थानों से सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया।

होटलों को तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय

आपदा अधिनियम के तहत जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए होटलों को तत्काल ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया है। ऐसा करने में विफल होने पर आसपास के आवासीय भवनों और राजमार्गों को नुकसान हो सकता है। साथ ही बिजली व पेयजल की लाइन भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। - हिमांशु खुराना, जिलाधिकारी, चमोली

बाजार दर से अधिक मुआवजा नहीं देंगे : मीनाक्षी सुंदरम

व्यापारियों और स्थानीय लोगों के साथ प्रशासन की बैठक चल रही है। मुआवजे को लेकर विवाद है। इस बीच मुख्यमंत्री की सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि व्यापारियों को विश्वास होना चाहिए। यह पूरा राज्य है और सभी को इसे देखना है।

462 परिवार विस्थापित हुए

जिला प्रशासन द्वारा अब तक 462 परिवारों को अस्थाई रूप से विस्थापित किया गया है। मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जबकि पहले 81 परिवारों को शिफ्ट किया गया था। प्रशासन द्वारा अब तक विभिन्न संस्थानों एवं भवनों में कुल 344 कमरों का निर्माण किया जा चुका है। जिसमें 1425 लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है।

दरारों वाली इमारतों की संख्या 723 तक पहुंच गई, 86 असुरक्षित

जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मंगलवार को 45 और इमारतों की पहचान की गई। अब तक कुल 723 भवनों की पहचान की जा चुकी है। इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल झंडी दिखा दी गई है। जल्द ही इन भवनों को गिराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।