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जोशीमठ: 12 दिन में 5.4 सेमी धंसा, इसरो ने जारी की सैटेलाइट इमेज

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Jan 14, 2023

जोशीमठ: इसरो की सैटेलाइट तस्वीरों में उत्तराखंड के जोशीमठ इलाके के जमीन में धंसने के साक्ष्य सामने आए हैं। इसरो ने सैटेलाइट इमेज जारी कर कहा है कि महज 12 दिनों में जोशीमठ का इलाका 5.4 सेमी धंस गया है। और आने वाले दिनों में और भूस्खलन की संभावना है। जिससे यह इलाका अब खतरनाक हो गया है। यहां रहने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि चार धाम यात्रा मार्ग के विकसित होने से इलाके में भीड़ हो रही है, यहां से एक सुरंग भी गुजर रही है, जिसे लोगों ने इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।

हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस दावे का खंडन किया है। गडकरी ने कहा कि चारधाम मार्ग के कारण जोशीमठ में भीड़ नहीं हो रही है। हालांकि, विशेषज्ञ इस क्षेत्र का परीक्षण कर रहे हैं।

लोगों का दावा है कि जमीन पर कब्जा करने के लिए बिजली कंपनी एनटीपीसी जिम्मेदार है। हालांकि एनटीपीसी इस दावे का खंडन कर रही है, लेकिन उत्तराखंड सरकार मामले की जांच कर रही है। साथ ही सरकार आठ संस्थानों की मदद ले रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तव में यह जमीन क्यों धंस रही है। इस संस्थान को शोध का काम सौंपा गया है। यह शोध इस बात की भी पड़ताल करेगा कि जोशीमठ जैसी स्थिति उत्तराखंड के अन्य इलाकों में भी पैदा हो सकती है या नहीं।

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जोशीमठ क्षेत्र में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए राहत शिविर लगाये गये हैं। 835 कमरे तैयार किए गए हैं जिनमें 3630 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की गई है।

अब तक 169 परिवारों के 589 सदस्यों को इस राहत शिविर में शिफ्ट किया जा चुका है। इसरो ने तस्वीरें जारी कर कहा है कि जोशीमठ में अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच 8.9 सेंटीमीटर धंसाव हुआ था, हालांकि यह धीमा था, जबकि पिछले 12 दिनों में यह दर बढ़ी है और 5.4 सेंटीमीटर कम हुई है।