Aug 16, 2025
उज्जैन में जन्माष्टमी 2025: सांदिपनी आश्रम में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की भव्यता
महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विश्व की प्राचीनतम शिक्षास्थली सांदिपनी आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत अभिषेक और महाआरती हुई। सुबह से ही देश-विदेश के भक्तों का तांता लगा रहा। द्वापर युग में 11 वर्ष की आयु में श्रीकृष्ण यहाँ विद्या अर्जन के लिए आए थे, जिससे यह आश्रम आस्था का प्रमुख केंद्र है।
सांदिपनी आश्रम: श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली
सांदिपनी आश्रम वह पवित्र स्थल है, जहाँ द्वापर युग में श्रीकृष्ण और बलराम ने गुरु सांदिपनी से शिक्षा ग्रहण की। मात्र 64 दिनों में श्रीकृष्ण ने चार वेद, छह शास्त्र, अठारह पुराण, 64 कलाएँ और गीता का ज्ञान आत्मसात किया। यहीं उनकी सुदामा से मित्रता हुई। आश्रम में आज भी वह शिला मौजूद है, जिस पर श्रीकृष्ण ने अक्षर ज्ञान का अभ्यास किया।
गोमती कुंड और सर्वेश्वर महादेव
आश्रम परिसर में गोमती कुंड है, जिसके बारे में कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने सभी तीर्थों का जल यहाँ एकत्र किया था। साथ ही, सर्वेश्वर महादेव मंदिर भी है, जहाँ श्रीकृष्ण ने शिव पूजा की। यह स्थल भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक महत्व रखता है।
विद्या प्राप्ति का केंद्र
सांदिपनी आश्रम आज भी विद्या प्राप्ति का प्रतीक है। माता-पिता अपने बच्चों के विद्या आरंभ संस्कार के लिए यहाँ आते हैं और शिला पर अक्षर लिखवाते हैं। मान्यता है कि इससे बच्चे बुद्धिमान बनते हैं। जन्माष्टमी पर गुरु-गोविंद उत्सव ने यहाँ भक्ति और उल्लास का वातावरण बनाया।