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खुलासा : ऊंचाई से गिरने पर नहीं, डस्ट में दबने से हुई थी मजदूर की मौत

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Jul 15, 2017

जांजगीर-चांपा : मुलमुला क्षेत्र के गोपालनगर स्थित लाफार्ज सीमेंट प्लांट, 'न्यूको विस्टास कार्प लिमिटेड' में मजदूर की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ हैं। कंपनी के अधिकारियों ने मृत मजदूर को जिंदा बताकर सिम्स भेजा था। जबकि मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई थी।

कंपनी के अधिकारियों ने पुलिस को ऊंचाई से गिरना बताया था, जबकि मजदूर की मौत गड्ढे में डस्ट में दबने से हुई थी। इससे कंपनी प्रबंधन की भूमिका सवालों के घेरे में हैं। जिला और पुलिस प्रशासन से भी घटना की पूरी बात छुपाई गई। इस पर पुलिस ने जांच की बात कही हैं। वहीं औद्योगिक स्वास्थ्य सेवा विभाग के सहायक संचालक ने घटनास्थल 'सायलो स्टोरेज नम्बर - 1' को जांच होने तक बंद कर दिया हैं। साथ ही विभाग की जांच में मजदूर की डस्ट से दबकर मौत होने की मौके पर ही पुष्टि की हैं।

11 जुलाई को मजदूर अमर गोरले की मौत हुई थी। कंपनी प्रबंधन ने जिला और पुलिस प्रशासन को घटना की गलत जानकारी दी। कंपनी प्रबंधन की लापरवाही और झूठ का खुलासा मृतक मजदूर के साथ काम रहे दूसरे मजदूरों ने किया हैं। जब घटना हुई तो दूसरे मजदूर भी मौके पर थे। मृत मजदूर को जिंदा बताकर बिलासपुर सिम्स इलाज के लिए भेज दिया, जबकि मजदूर की 'सायलो स्टोरेज नम्बर-1' के गड्ढे में डस्ट से दबकर मजदूर की उसी वक्त मौत हो गई थी। क्योंकि मजदूर को डस्ट से निकलने में 20 मिनट से अधिक समय लगा। एक और मजदूर भी दब गया था, पर वह जल्दी निकल गया। जिससे उसकी जान बच गई। लेकिन मजदूर अमर गोरले गड्ढे में दब गया, उसके बाद उसकी मौत हो गई थी।

शाम को शव गोपालनगर अमोरा आया तो परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए और देर रात कई घंटे तक कंपनी के गेट पर हंगामा किया। इसके बाद मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही गई। उसके बाद हंगामा और प्रदर्शन खत्म हुआ था।

इधर औद्योगिक स्वास्थ्य सेवा के सहायक संचालक की जांच में भी मजदूर की मौके पर मौत होने की पुष्टि हुई हैं। मामले को श्रम न्यायालय में भेजा जाएगा। पुलिस ने भी कंपनी प्रबंधन की घटना को लेकर भूमिका पर जांच शुरू कर दी हैं। कंपनी के अधिकारियों ने पुलिस को भी गलत जानकारी दी थी और 24 घंटे में थाने पर लिखित शिकायत नहीं की गई थी। केवल मौखिक सूचना दी थी, वह भी गलत निकली हैं।