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छत्तीसगढ़: आवारा कुत्तों की निगरानी अब स्कूल प्रिंसिपलों की जिम्मेदारी

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Nov 21, 2025

छत्तीसगढ़: आवारा कुत्तों की निगरानी अब स्कूल प्रिंसिपलों की जिम्मेदारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के प्राचार्यों को आवारा कुत्तों के प्रबंधन का नोडल अधिकारी नियुक्त कर एक नया आदेश जारी किया है। 20 नवंबर को जारी इस निर्देश के तहत अब स्कूल परिसर और उसके आसपास दिखने वाले हर आवारा कुत्ते पर प्राचार्य की नजर रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन

यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आवारा कुत्तों से जुड़े दिशा-निर्देशों और राज्य पशु चिकित्सा विभाग के पत्र के अनुपालन में उठाया गया है। विभाग का मानना है कि स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा सबसे ऊपर है, इसलिए आवारा कुत्तों को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है।

प्राचार्य की नई जिम्मेदारी

आदेश के मुताबिक, अगर स्कूल कैंपस या उसके 100 मीटर के दायरे में कोई आवारा कुत्ता दिखे तो प्राचार्य को तुरंत स्थानीय ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत या नगर पालिका के डॉग कैचर को सूचित करना होगा। कुत्ते को पकड़वाने तक प्राचार्य खुद इसकी निगरानी करेंगे।

काटने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई

यदि कोई छात्र कुत्ते के काटने का शिकार हो जाए तो प्राचार्य की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि बच्चे को फौरन नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाए और एंटी-रेबीज वैक्सीन का इंजेक्शन लगवाया जाए। लापरवाही बरतने पर प्राचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।

स्कूल परिसर में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित

आदेश में साफ कहा गया है कि स्कूल परिसर में आवारा कुत्तों का प्रवेश किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों को गेट पर पहरेदारी बढ़ाने और परिसर की दीवारों की मरम्मत कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।

बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

शिक्षा विभाग का कहना है कि प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में स्कूल परिसर में कुत्ते काटने की कई घटनाएं सामने आई थीं, जिन्हें देखते हुए यह सख्त कदम उठाया गया है। अब हर स्कूल में आवारा कुत्तों को लेकर एक रजिस्टर भी रखा जाएगा जिसमें हर सूचना और कार्रवाई का विवरण दर्ज होगा।

Report By:
Monika