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जैविक खेती से किसानों को हो रहा मुनाफा

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Oct 8, 2017

गरियाबंद : खेती को घाटे का सौदा बताने वालों के लिए अच्छी खबर है। खेती अब घाटे का सौदा नहीं है, बल्कि यदि नई तकनीक और नये तरीके से खेती की जाये तो अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है। जैविक खेती भी किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। ये हमारा नहीं बल्कि उन किसानों का मानना है जो खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं।

वैसे तो गरियाबंद की गिनती प्रदेश के अन्य जिलों की तरह कृषि प्रधान जिले के रूप में होती है। आज भी जिले के अधिकांश किसान पुरानी पद्धति से खेती करते हैं और खेती को घाटे का सौदा मानते हैं। करचिया गांव के चंद्रप्रकाश को 1994 में बीए पास करने के बाद जब नौकरी नहीं मिली तो उसने अपना खेती का पुश्तैनी काम शुरू कर दिया। उसने सरकार के कृषि विभाग  की योजनाओं का फायदा उठाया। नई तकनीक और नये तरीके से खेती शुरू की तो घाटे की खेती मुनाफे में बदल गई और जो चंद्रप्रकाश पहले एक एकड़ का किसान था अब वो 6 एकड़ का मालिक बन गया है।

मोंटू और मुकेश इस बात से सहमत हैं कि जैविक खेती को लेकर किसानों में डर है। उनके मुताबिक किसानों को ये डर है कि आखिर बिना खाद और दवाई के अच्छी पैदावार कैसे होगी। इस वजह से वो कोई रिस्क भी नहीं लेना चाहते और परंपरागत रसायनिक खेती ही करते हैं। उनका मानना है कि किसानों को एक बार रिस्क लेना चाहिए। पहले थोड़े रकबे में जैविक खेती करें, मुनाफा होने पर धीरे-धीरे रसायनिक खेती बंद करके जैविक खेती की ओर बढ़े। जिले के कई किसानों ने अब नई तकनीक और सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर खेती को मुनाफे का धंधा बना दिया है। - मुकेश चंद्राकर, किसान

सरकार की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा युवा शहरों में पलायन करने की बजाय गांव में रहकर ही खेती में अपना कैरियर बनाएं। इसके लिए सरकार हर संभव मदद का भरोसा भी दिला रही है। बस जरूरत है तो युवा और शिक्षित किसानों को आगे बढ़कर इन योजनाओं का लाभ उठाने की।