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बहिष्कार का दंश झेल रहे पीड़ितों ने मांगा इंसाफ, 7 पर मामला दर्ज

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Jul 14, 2017

मुंगेली : 21 वीं सदी का ये दौर जब जाति-धर्म, ऊंच-नीच के भेदभाव से परे सभी को समाज में सम्मान से जीने की बात होती हैं, लेकिन कुछ लोग आज भी ऐसे हैं। जो समाज के मुखिया बनकर हजारो लोगों के ऊपर अपनी तुगलकी फरमान जारी कर उन्हें सामाजिक बहिष्कार का वो दंश देते हैं। जिससे ना तो वो जी सकते हैं और ना वो मर सकते हैं। समाज के ठेकेदार के द्वारा सुनाये गये फैसले की दहशत इतनी कि खून का रिश्ता भी इनके फैसले के सामने कुछ भी नहीं।  इनके एक फरमान के चलते अपनों को अपनों से दूर होना पड़ता हैं। सालों से चली आ रही इस कुप्रथा के चलते कई लोग आज भी पीड़ित हैं। किसी को प्रेम विवाह करने की सजा मिली, तो किसी को ससुराल वालों के खिलाफ जाने की। 

मुंगेली के देवांगन समाज के द्वारा कई परिवारों को अपना तुगलकी फरमान सुनाते हुए समाज से बहिष्कृत कर दिया गया हैं। जिसके चलते आज कई परिवार अपनों से बिछड़कर दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। सामाज के द्वारा चलाये जा रहे इस कुप्रथा का विरोध करके थाने में समाज के मुखिया के खिलाफ मामला दर्ज कराया हैं। जिसमें पुलिस ने शिकायत के आधार पर समाज के 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाई कर रही हैं। समाज से बहिष्कृत किये गए कई लोगों ने बताया कि मुखिया के द्वारा जो फैसला सुनाया गया हैं उसके चलते अपनों से दूर रहने को मजबूर हैं।

सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे सीता देवांगन ने बताया कि कुछ साल पहले उसकी शादी जिले के एक गांव में हुयी थी। लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही उसके ससुराल वालों ने उसको प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जिसके खिलाफ जाकर उसने लालपुर थाना में अपने सास ससुर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस बात की जानकारी जैसे ही देवांगन समाज के मुखिया लोगों को लगी, तो वे सभी लोग सीता के पिता के घर पहुंच कर उसे शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगे और जब वो राजी नहीं हुई, तो उसको और उसके पिता को समाज से बहिष्कृत कर दिए। इतना ही नहीं समाज के मुखियाओं ने सीता के ससुराल वालों से उसका मृतक संस्कार कराकर सामाजिक भोजन भी करा दिया। वही उसके पिता ने बताया कि अपना आधा घर बेचकर अपनी बेटी की शादी कराई थी, लेकिन समाज के मुखियाओं की बात नहीं मानने पर आज उन्हें और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया और आज उसकी बेटी शादी होने के बाद भी उसके घर पर हैं। इतना ही नहीं इस तुगलकी फरमान के चलते वो अपने परिवार के किसी भी सदस्य से नहीं मिल सकता और ना ही समाज के अन्य लोगों के यहां आ जा सकता हैं।

प्रेम विवाह करने वाले प्रेम देवांगन को भी समाज से बहिष्कृत कर दिया गया हैं। प्रेम ने बताया कि कुछ साल पहले उसके पिता की जब मृत्यु हुई तो उसे अपने घर में नहीं जाने दिया गया। जिसके बाद उसने पुलिस को सूचना दिया और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद वो अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हो पाया और आज शादी के 7 साल बाद भी वो अपने परिवार से दूर हैं। सामाजिक बहिष्कार किये गए सीता ने हिम्मत दिखाते हुए समाज के मुखियाओं के फैसले के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज कराया हैं और उन्होंने कानून से इन्साफ दिलाये जाने की गुहार लगायी हैं। 

कोतवाली प्रभारी हरविंदर सिंह ने बताया कि देवांगन समाज के मुखिया के खिलाफ शिकायत मिली हैं जिसमें कार्यवाई करते हुए समाज के 7 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया हैं, जिसमें जांच जारी हैं। जल्द उनको गिरफ्तार किया जाएगा।