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सूरजपुरः हाथियों के आतंक से त्रस्त ग्रामीणों ने हाथियों के खिलाफ छेड़ दी है जंग

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Oct 19, 2019

दिलशाद अहमद - सूरजपुर जिले में हाथियों का आतंक एक आम बात है, लेकिन हाथी के द्वारा नाबालिक लड़की की मौत और ग्रामीणों के द्वारा एक हाथी की हत्या जैसे लगातार दो मामलों के बाद, अब इलाके में मानव और हाथियों के बीच एक जंग शुरू हो गई है। वन विभाग के आला अधिकारी भी यह मान रहे हैं कि यह इलाका मानव और हाथी के द्वंद को झेल रहा है। वहीं स्थानीय ग्रामीण बड़ी आंदोलन की तैयारी में है।

हाथियों की हत्या से वन विभाग ने माना इंसान और हाथियों की बीच है जंग

सूरजपुर का प्रतापपुर क्षेत्र यह इलाका हाथियों के लिए जाना जाता रहा है। इस इलाके में लगभग पूरे साल एक दर्जन से ज्यादा हाथियों का विचरण रहता है। जिसकी वजह से अभी तक दर्जनों ग्रामीण अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं ग्रामीणों के द्वारा कई हाथियों की हत्या कर दी गई है। हम आपको बता दे प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के हसौदा गांव में किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा एक मादा हाथी की हत्या मामला सामने आया था, तो वहीं तमोर पिंगला इलाके के बरपटिया गांव में वन विभाग की टीम के साथ जंगल में गई एक नाबालिग लड़की को हाथी ने कुचल कर मौत के घाट उतार दिया। जिसके बाद अब वन विभाग के आला अधिकारी भी यह मान रहे हैं कि इस इलाके में इंसान और हाथियों की बीच एक खतरनाक जंग चल रही है। जिस से निपटने के लिए वन विभाग के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।वन विभाग के आला अधिकारी यह मान रहे हैं कि इस इलाके में पिछले कई सालों से इंसान और हाथी के बीच जंग जारी है, बावजूद इसके सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज तक इस जंग को रोकने के लिए वन विभाग की तरफ से कोई पहल क्यों नहीं की गई ?? आखिर कब तक वन विभाग की गलतियों का खामियाजा यह मासूम ग्रामीण और हाथी भुगतते रहेंगे।

वन विभाग के कर्मचारी द्वारा गांव की नाबालिग लड़की को जंगल में ले जाना, संदेह के घेरे में

तमोर पिंगला में नाबालिग लड़की की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर ग्रामीण इस पूरे मामले को लेकर वन विभाग पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार वन विभाग खुद ही सभी ग्रामीणों को इस बात की सलाह देता है कि सुबह 8 बजे के पहले कोई भी ग्रामीण जंगल में ना जाए, लेकिन वन विभाग के कर्मचारी स्वयं सुबह 5 बजे गांव की नाबालिग लड़की को लेकर जंगल के अंदर जाना कई गंभीर सवाल खड़े करता है। जिसकी वजह से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है और अब वे वन विभाग के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। दूसरी ओर इस पूरे मामले में कांग्रेस के बड़े नेता भी ग्रामीणों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। उनके अनुसार इस पूरी घटना में वन विभाग की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है। इसलिए वे इस मामले में दोषी वन विभाग के कर्मचारियों पर कार्यवाही के लिए अपनी सरकार से बात करेंगे।