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अम्बिकापुरः सरकार की वादाखिलाफी से बौखलाये ग्रामीण अब करेंगे बड़ा आंदोलन

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Jul 4, 2019

राम कुमार यादव- छत्तीसगढ़ मे पूर्ण शराबबंदी के वादे को सरकार भले ही नजरअंदाज कर रही हो, लेकिन लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी शराब और शराब की दुकानों का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। अम्बिकापुर के गंगापुर इलाके में स्थित शराब दुकान को हटाने की मांग ने अब जोर पकड़ लिया है और ऐसा नहीं करने पर स्थानीय लोग बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपने आर्थिक हित को देखकर, अब तक भले ही शराबबंदी ना की हो,  लेकिन सरकार की इस वादाखिलाफी से परेशान अम्बिकापुर के लोग अब बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। 

शराब की दुकान रिहायशी इलाके में होने से लोग हो रहे परेशान

दरअसल सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के गंगापुर इलाके मे स्थित सरकारी शराब की दुकान के ठीक बगल में जिला रोजगार कार्यालय और प्रशिक्षण शाला है। वहीं दुकान के आसपास घनी बस्ती होने के साथ ही दुकान तक ले जाने वाले रास्ते में सैकडों घर हैं। जहां आये दिन शराब के नशे में लोग गाली गलौज, मारपीट और अश्लील हरकत करते हैं। लिहाजा ऐसे स्थान से शराब दुकान हटाने को लेकर इलाके के महिला, पुरूष और बच्चों ने प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाई है। शराब के नशे की जाने वाली हरकत कैसी होती है। ये किसी ने महसूस किया होगा, तो कोई भुक्तभोगी होता है। लिहाजा इन महिलाओं की पीड़ा भी समझना मुश्किल नहीं होगा।

आम शिकायत और आंदोलन की चेतवानी के बाद प्रशासनिक अधिकारी हुये सतर्क

दूसरी तरफ जिले के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेताओं की माने तो इस शराब दुकान को हटाने को लेकर पूर्व कलेक्टर से लेकर वर्तमान कलेक्टर तक कई बार शिकायत की गई है। इसलिए छात्र संगठन के लोगों ने अब पांच दिन में दुकान हटाने को कहा है, नहीं तो बडे आंदोलन की चेतावनी दी है। दुकान हटाने की आम शिकायत और आंदोलन की चेतवानी के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है और पूरी शिकायत की जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया है। 

अम्बिकापुर में 3 सरकारी शराब की दुकान हैं। जिनमें दो रहवासी इलाकों से हटकर संचालित है, पर गंगापुर दुकान वास्तव में शासकीय संस्थाओं और बस्ती के बीच संचालित है। जिससे आसपास का पूरा इलाका सूरज डूबते ही शराबमयी हो जाता है, लेकिन पुलिस और प्रशासन इस ओर कभी ध्यान नहीं देते। अगर शराब दुकान के आसपास अघोषित शराब के अड्डों और शराबियों पर समय रहते सुधार लिया जाता तो फिर शायद ये नौबत ना आती।