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महासमुंदः ओवरब्रिज का निर्माण 6 माह से अधर में लटका, शहरवासियों के लिए परेशानियों का सबब

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Jun 29, 2019

रेखराज साहू- महासमुंद में जिस ओवरब्रिज निर्माण के लिए नेताओं ने राजनीति की रोटी सेंकी आज वही ओवरब्रिज शहरवासियों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है। श्रेय की राजनीति करने वाले नेता एकाएक चुनाव के बाद गायब हो गये हैं और प्रशासन की लेटलतीफी के चलते ओवरब्रिज का निर्माण पिछले 6 माह से अधर में लटका है। 5 साल से तुमगांव मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज निर्माण की प्रक्रिया चल रही है, जिसके काम में साल 2017-18 में तेजी तो आई लेकिन एक बार फिर पिछले 6 माह से काम बंद पड़ा हुआ है। ब्रिज के निर्माण में हो रही देरी को लेकर अब विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।

रेलवे के दोहरी रेल लाइन के बाद रेल यातायात की सेवा में हुई बढ़ोत्तरी

दोहरी रेल लाइन में दौड़ती हुए ट्रेनों की रफ्तार और इस रफ्तार के बीच फाटक के दोनों तरफ थमी हुई लोगों की जिंदगी। कोई फाटक खुलने का इंतजार कर रहा है तो कोई जान-जोखिम में डालकर फाटक के नीचे से गुजरने की जद्दोजहद में लगा हुआ है। ये नजारा है महासमुंद शहर के मध्य में स्थित तुमगांव रोड रेलवे क्रासिंग का। जहां रेलवे के दोहरी रेल लाइन के बाद रेल यातायात की सेवा में बढ़ोत्तरी तो हो गई, लेकिन यहां से गुजरने वाले शहर के लोगों का लाइफ लाइन हर आधे घंटे में रूकने लगी। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण, यहां हो रहे ओवरब्रिज के निर्माण में प्रशासनिक लेटलतीफी के चलते देरी है।

अब तक सिर्फ 40 प्रतिशत काम ही हुआ

दरअसल शहर के लोगों को राहत देने के लिए जिला प्रशासन को साल 2014 में फाटक में ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति मिली, जिसके बाद जमीन अधिग्रहण का कम शुरू हुआ और साल 2017-18 में करीब 72 करोड़ की लागत से बनने वाले इस ब्रिज निर्माण का काम पूजा रोड लाइन्स कंपनी को दी गई। काम शुरू होते ही कंपनी ने फाटक के एक तरफ 40 प्रतिशत का काम पूरा कर दिया, लेकिन वहीं दूसरी तरफ काम पिछले 6 माह से जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण अधूरा लटका हुआ है। जिसे लेकर लोगों में अब आक्रोश पैदा होने लगा है और लोगों ने ओवरब्रिज समस्या समाधान समिति बनाकर ब्रिज निर्माण के लिए मुहिम छेड़ दी है। समिति के लोग हस्ताक्षर अभियान चलाकर इस मुहिम से लोगों को जोड़ रहे हैं और प्रशासन के साथ नेताओं को कोस रहे हैं।

रोड में बनने वाले इस ब्रिज निर्माण में कुल 104 लोग प्रभावित हो रहे

तुमगांव रोड में बनने वाले इस ब्रिज निर्माण में कुल 104 लोग प्रभावित हो रहे हैं। जिसमें 93 मकानों की रजिस्ट्री और 11 दुकानों की रजिस्ट्री शामिल है। फाटक के एक छोर तुमगांव के तरफ प्रशासन ने जमीन का अधिग्रहण का काम पूरा करते हुए मुआवजा वितरण के बाद काम अब तक 40 प्रतिशत पूरा कर लिया, लेकिन दूसरी तरफ अभी करीब 30 लोगों की रजिस्ट्री कानूनी दांव पेंज के बीच फंसी हुई है। प्रशासन की माने तो लगातार आचार संहिता के चलते रजिस्ट्री का काम प्रभावित हुआ है। जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। इसके अलावा जिन लोगों ने जमीन का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर कानूनी दांव पेंच में काम को उलझा रखा है, उनके द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर शासकीय भूमि मानते हुए कार्रवाई करने की बात कर रहे है।

शहर के मध्य में स्थित यह रेलवे क्रासिंग शहरवासियों की लाइफ लाइन है।जहां से सुबह से लेकर रात तक लोगों के आवाजाही लगी रहती है।ऐसे में ब्रिज का निर्माण शहरवासियों के लिए एक बड़ी सौगात साबीत होगी।गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने भी ब्रिज के निर्माण के बाद उसके सौंदर्य पर स्मार्ट सिटी के तर्ज में प्लान बनाय़ा है।बहरहाल देखना यह है कि आकिर प्रशासन का यह प्लान कब तक पूरा होता है या फिर शहरवासियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।